दिल्ली में क्लासरूम घोटाला मामले में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन से पांच घंटे तक हुई पूछताछ, 35 सवाल पूछे गए
दिल्ली में 2000 करोड़ के क्लासरूम घोटाला मामले में एसीबी ने पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन से 5 घंटे पूछताछ की। उनसे लगभग 35 सवाल पूछे गए लेकिन वे अधिकांश सवालों का सही जवाब नहीं दे पाए। कुछ सवालों के जवाब में उन्होंने कैबिनेट के निर्णय के अनुसार काम होने की बात कही पर लिखित में कोई प्रमाण नहीं दिखाया। उन्होंने कई निर्णय शिक्षा विभाग पर थोपने की कोशिश की।

पीटीआई, नई दिल्ली। 2000 करोड़ के क्लास रूम घोटाला मामले में आज पूर्ववर्ती दिल्ली सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे सत्येंद्र जैन से एसीबी ने सिविल लाइंस स्थित अपने मुख्यालय में करीब पांच घंटे तक गहन पूछताछ की। उनसे करीब 35 सवाल पूछे गए जिनमें एक सवाल का भी वह सही तरीके से जवाब नहीं दिए।
जैन को दिल्ली सरकार के एसीबी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। एसीबी कार्यालय जाने से पहले जैन ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछली आप सरकार ने शहर की शिक्षा में सुधार की दिशा में काम किया, जबकि मौजूदा भाजपा सरकार केवल राजनीति कर रही है।
पूछताछ से पहले पीटीआई वीडियो से बात करते हुए जैन ने कहा कि भाजपा मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। जैन ने कहा, "पहले मुझे बताइए कि घोटाला शब्द कहां से आया?
#WATCH | AAP leader and former Delhi Minister Satyendar Jain arrives at Anti-Corruption Bureau (ACB) office.
— ANI (@ANI) June 6, 2025
ACB has issued a summon to him over alleged corruption in the construction of classrooms in Delhi government schools. pic.twitter.com/7fOJy2OttW
वे (भाजपा) काम नहीं करना चाहते और निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।" "मनीष सिसोदिया (पूर्व शिक्षा मंत्री) ने स्कूलों में बेहतरीन काम किया। उन्हें तलब किया गया है। मुझे भी तलब किया गया है। ये सब ध्यान भटकाने की तरकीबें हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, "वे (भाजपा) कहते थे कि सड़कों पर कुत्ते घूम रहे हैं, लेकिन हम सड़कें साफ करेंगे। अब उन्हें ये काम करवाने चाहिए, लेकिन वे केवल राजनीति कर रहे हैं।" एसीबी ने सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार को लेकर आप नेताओं सिसोदिया और जैन को तलब किया।
जैन को शुक्रवार को पेश होने के लिए कहा गया है, जबकि सिसोदिया को 9 जून को तलब किया गया है। दिल्ली सरकार के स्कूलों में 12,000 से अधिक कक्षाओं या अर्ध-स्थायी संरचनाओं के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के आधार पर 30 अप्रैल को एसीबी द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी के बाद यह समन जारी किया गया है।
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