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    दिल्ली के 10 लाख लोगों की कब खत्म होगी ये बड़ी टेंशन? हर बारिश बन जाती है आफत

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 09:26 AM (IST)

    दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार में पिछले 15 सालों से जलभराव की समस्या बनी हुई है जिससे दस लाख से अधिक लोग परेशान हैं। बारिश के दौरान रतिया मार्ग पर घुटनों तक पानी भर जाता है और नालियां कचरे से चोक हो जाती हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नियमित सफाई नहीं होती और विधायक ने नालियों की चौड़ाई बढ़ाने का आश्वासन दिया है।

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    डेढ़ दशक से हर मानसून जलभराव का दंश झेल रही 10 लाख की आबादी। जागरण

    मुहम्मद रईस, दक्षिणी दिल्ली। दिल्ली में संगम विहार में जलभराव की समस्या पिछले डेढ़ दशक से बनी हुई है। आधे घंटे की बारिश में ही पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है। रतिया मार्ग पर घुटनों तक पानी भर जाता है, जिसे निकलने में कई घंटे लग जाते हैं।

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    बताया गया कि ऑटो और ई-रिक्शा चल नहीं पाते। ट्रैक्टर से लोग दो किलोमीटर की सड़क पार कर अपने काम पर निकलते हैं। यहां नालियां जगह-जगह क्षतिग्रस्त और कचरा जमा होने से चोक हैं। बारिश में जब गुप्ता कॉलोनी के पीछे पहाड़ों-जंगलों से पानी तेजी से आता है तो निकासी नहीं हो पाती।

    संगम विहार की आबादी दस लाख से ज्यादा है। रतिया मार्ग पर बांध रोड से गुप्ता कॉलोनी, पीपल चौक, केएसके होते हुए एमबी रोड तक ढलान है। जंगल-पहाड़ी से होकर आने वाले पानी की निकासी के लिए पहले सड़क के दोनों ओर नाली बनी थी। नियमित इनकी सफाई होती थी।

    बताया गया कि दो-तीन दशक पहले तक आबादी भी तीन-चार लाख के करीब थी और लोगों को जलजमाव झेलना नहीं पड़ता था। बाद में एक तरफ की नाली में सीवेज जोड़ दिया गया। वहीं, गली नंबर एक के पास सड़क के नीचे पाइप लाइन डालकर दोनों नालियों और सीवेज को आपस में कनेक्ट कर दिया गया।

    पिछले डेढ़ दशक से गुप्ता कॉलोनी से एमबी रोड जाने वाले मार्ग पर दाहिने ओर की नाली बंद है। आबादी लगभग दोगुनी से ज्यादा हो गई। दोनों नालियों की चौड़ाई बढ़नी थी, पर एक तो बंद हो गई और दूसरी कचरे से पटी रहती है।

    एमसीडी टुकड़ों में सफाई करती है। एक हिस्सा साफ कर जब तक दूसरे हिस्से में काम शुरू होता है, तब तक पहला फिर जाम हो चुका होता है। बारिश में नाली और सीवर दोनों उफन पड़ते हैं। जब तक पूरी नाली की एक साथ सफाई और मरम्मत नहीं होगी, समस्या बनी रहेगी।

    बोले स्थानीय निवासी

    पहले सड़क के लेवल में दुकान थी। जब भी बारिश हो दुकान में पानी घुस जाता था। मजबूरन दुकान की फर्श ऊंची करानी पड़ी है। सड़क पर एक ही तरफ नाली है। दूसरी ओर भी नाली बननी चाहिए। -फरीद अहमद

    क्षेत्र में नियमित साफ-सफाई नहीं होती। वहीं लोग भी जागरूक नहीं है। कई लोग तो नाली में ही कचरा डाल देते हैं। बारिश में सड़क पर घुटनों तक पानी भर जाता है। सभी को परेशानी होती है। - प्रदीप

    नाली में जमा कचरा और गाद निकाला जाना चाहिए। साथ ही कचरे का तत्काल उठान भी सुनिश्चित हो। किनारों पर पड़ा रहने से ये फिर नालियों में ही चले जाते हैं और सारी मेहनत बेकार हो जाती है। - इमरान

    पहले गली नंबर-एक तक दाहिनी ओर भी नाली थी। इसे सीवर में जोड़ा गया और बाद में बंद कर दिया गया। अगर इसे फिर से चालू कर दिया जाए तो पानी की निकासी तेजी से होने लगेगी। - मोहनलाल गोयल।

    क्षेत्र में कई दिनों से कूड़ा नहीं उठ रहा है। प्लास्टिक व अन्य कचरा नालियों में जाता रहता है। हाल ही में इसकी डीसिल्टिंग कराई गई थी, पर कचरा न उठने से यह फिर जाम हो गई है। अगले कुछ दिनों में सफाई कराते हुए नालियों की चौड़ाई बढ़ाने का काम कराया जाएगा, ताकि वर्षा के दौरान पानी तेजी से निकल सके। - चंदन चौधरी, विधायक, संगम विहार

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