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    Anti Sikh Riots: मेरे खिलाफ कोई सुबूत नहीं, मैं निर्दोष हूं... पूर्व सांसद सज्जन कुमार ने दी अदालत में दलील

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 09:15 PM (IST)

    1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार ने राउज एवेन्यू कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित है। अदालत ने अगली सुनवाई 29 जुलाई को तय की है।

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    सिख विरोधी दंगे के मामले में अब अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान जनकपुरी और विकासपुरी इलाकों में हुई हिंसा के मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार ने सोमवार को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया।

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    विशेष न्यायाधीश दिग विनय सिंह ने सज्जन कुमार का बयान दर्ज किया। सज्जन कुमार ने कहा कि वह निर्दोष हैं, क्योंकि उनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं है।

    अदालत के समक्ष पेश हुए सज्जन कुमार ने दावा किया कि मामले में निष्पक्ष जांच नहीं की गई है और उन्हें निराधार आरोपों के जरिये फंसाया जा रहा है।

    कहा- अब दशकों बाद गवाह का नाम लिया जा रहा 

    सज्जन कुमार ने कहा कि पूर्व में किसी भी गवाह ने उनका नाम नहीं लिया है और दशकों बाद उनका नाम लिया जा रहा है। सज्जन कुमार ने कहा कि उनके खिलाफ बनाया गया मामला झूठा और राजनीति से प्रेरित है।

    उन्होंने यह भी तर्क दिया कि उनका लाइफ-डिटेक्टर टेस्ट कराया गया और मैंने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए स्वेच्छा से भाग लिया। सज्जन कुमार ने कहा कि इलाके में सद्भाव लाने के लिए उन्होंने रक्तदान शिविर और शांति मार्च का आयोजन किया।

    मामले में अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी

    सज्जन कुमार का बयान दर्ज करने के बाद अदालत ने मामले को 29 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। फरवरी 2015 में गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेष जांच दल ने सिख विरोधी दंगों के दौरान इलाकों में हिंसा की शिकायतों के आधार पर सज्जन कुमार के खिलाफ दो प्राथमिकी की थी।

    पहली प्राथमिकी जनकपुरी में हुई हिंसा को लेकर दर्ज की गई थी, जहां एक नवंबर 1984 को सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या कर दी गई थी।

    वहीं, दूसरी प्राथमिकी विकासपुरी में हुई घटना के संबंध में हुई थी, जिसमें गुरचरण सिंह को आग के हवाले कर दिया गया था।

    एक नवंबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके निजी अंगरक्षक द्वारा गोली मारकर हत्या करने के बाद दिल्ली सहित पूरे देश में सिख विराेधी दंगे हुए थे। जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे।