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    सच के साथी सीनियर्स: दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों को दी फैक्ट चेक ट्रेनिंग, डिजिटल सेफ्टी और साइबर धोखाधड़ी को लेकर किया जागरूक

    Updated: Sat, 28 Dec 2024 04:38 PM (IST)

    विश्वास न्यूज के सच के साथी-सीनियर्स कार्यक्रम के तहत दिल्ली के द्वारका में वरिष्ठ नागरिकों को फैक्ट-चेकिंग की बुनियादी ट्रेनिंग दी गई। साथ ही उन्हें डिजिटल सेफ्टी और साइबर धोखाधड़ी के बारे में भी जागरूक किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिकों को बताया गया कि कैसे वे अपने मोबाइल के जरिए वायरल या संदिग्ध दावों की जांच कर सकते हैं।

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    दिल्ली के द्वारका सेक्टर-6 में वरिष्ठ नागरिकों को दी फैक्ट चेक ट्रेनिंग।

    नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। विश्‍वास न्‍यूज के मीडिया साक्षरता कार्यक्रम 'सच के साथी- सीनियर्स' के तहत 27 दिसंबर को दिल्ली के द्वारका के सेक्टर 6 के लोगों को डिजिटल सेफ्टी टिप्स के साथ ही फैक्ट चेकिंग की बुनियादी ट्रेनिंग दी गई। इस कार्यक्रम का आयोजन मुख्य रूप से सीनियर सिटिजंस के लिए हुआ था।

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    इस कार्यक्रम को सीनियर सिटिजन एसोसिएशन द्वारका के कम्युनिटी सेंटर में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विश्‍वास न्‍यूज के एसोसिएट एडिटर एवं फैक्ट चेकर अभिषेक पराशर ने वरिष्ठ नागरिकों को फैक्ट चेकिंग की बुनियादी जानकारी के बारे में प्रशिक्षित किया। जबकि विश्वास न्यूज की डिप्टी एडिटर देविका मेहता ने लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर प्रकाश डालते हुए डीपफेक वीडियो के प्रति लोगों को सचेत किया।

    अभिषेक पराशर ने लोगों को मिस-इन्फॉर्मेशन और डिस-इन्फॉर्मेशन के बीच अंतर को किस तरह पहचाना जाए इसके बारे में और इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया। उन्होंने लोगों को प्रशिक्षित किया कि कैसे कोई सामान्य व्यक्ति अपने मोबाइल के जरिए वायरल या संदिग्ध दावों की जांच कर सकता है।

    उन्होंने साइबर फ्रॉड के बारे में भी जानकारी दी, ताकि लोग बढ़ते साइबर फ्रॉड के बारे में जान सके और खुद को सुरक्षित रख पाए। साथ ही उन्होंने इससे बचने के तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आजकल साइबर ठग डिजिटल अरेस्ट, फिशिंग लिंक्स या बैंकिंग फ्रॉड के जरिए लोगों को ठग रहे हैं। 

    देविका मेहता ने लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बारे में बताते हुए कहा कि आजकल किस तरह से एआई का गलत तरीकों से इस्तेमाल किया जा रहा है। वीडियो और फोटो के जरिए ही नहीं, बल्किआवाज की नकल करके भी डीपफेक वीडियो बनाए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने इससे बचने के तरीकों के बारे में भी बताया।

    देविका मेहता ने बताया कि एआई टूल्स जैसे ट्रू मीडिया, हाइव मॉडरेशन या इल्यूमिनार्ती की मदद से एआई निर्मित इमेज या वीडियो की जांच की जा सकती है। साथ ही उन्होंने लोगों को फैक्ट चेकिंग टूल्स की बेसिक जानकारी दी।

    15 राज्‍यों में कार्यक्रम

    दिल्ली के कई स्थानों के अलावा महाराष्ट्र, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कुल 15 राज्यों में इस कार्यक्रम का आयोजन हो चुका है। विश्‍वास न्‍यूज इन राज्यों के 50 शहरों में वरिष्ठ और अन्य नागरिकों को मिस-इन्फॉर्मेशन के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रशिक्षित कर रही है।

    गूगल न्यूज इनिशिएटिव की पहल पर MICA के सहयोग से विश्वास न्यूज के इस अभियान का उद्देश्य समाज को भ्रामक सूचनाओं से निपटने के लिए तैयार करने के साथ ही उन्हें फैक्ट चेक की बुनियादी जानकारी से रूबरू कराना है। इस अभियान के तहत हाईब्रिड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से) मोड में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

    'सच के साथी-सीनियर्स' अभियान के बारे में

    'सच के साथी-सीनियर्स' विश्वास न्यूज का जागरूकता के लिए प्रशिक्षण और मीडिया साक्षरता अभियान है। विश्वास न्यूज जागरण समूह की फैक्ट चेकिंग टीम है, जो अब तक करीब छह करोड़ से अधिक नागरिकों को जागरूकता अभियान से जोड़ चुकी है। विश्वास न्यूज टीम इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क (आईएफसीएन) और गूगल न्यूज इनिशिएटिव के साथ फैक्ट चेकिंग और मीडिया लिटरेसी पर 2018 से काम कर रही है।