100 वर्ष का हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, उत्साहपूर्ण अनुशासन में निकला पथ संचलन; हजारों कार्यकर्ताओं ने लिया हिस्सा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर दिल्ली में स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया। अनुशासन और उत्साह के साथ हजारों स्वयंसेवकों ने भाग लिया जिनका लोगों ने पुष्प वर्षा से स्वागत किया। विभिन्न स्थानों पर विजयदशमी उत्सव और शस्त्र पूजन का भी आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओं ने संघ के उद्देश्य और शताब्दी वर्ष के महत्व पर प्रकाश डाला।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के सौ वर्ष पूर्ण होने पर दिल्लीभर में स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक अनुशासन में पथ संचलन निकाला। घोष की धुन पर पूर्ण गणवेश में कदमताल करते हुए हजारों स्वयंसेवकों ने करीब तीन किमी के पथ संचलन में भाग लिया तथा बड़ी संख्या स्वयंसेवक इसकी व्यवस्था में लगे। पथ संचलन को देखने के लिए लोग सड़क किनारे उमड़े।
कालोनियों में गली किनारे तथा छतों से पुष्प वर्षा कर पथ संचलन में शामिल स्वयंसेवकों का स्वागत किया गया। जगह-जगह तोरणद्वार व रंगोलियां बनाई गई थी। सड़कों की सफाई के साथ कई स्थानों पर बिजली के खंभों पर संघ के शताब्दी वर्ष को पेंट से उल्लेखित किया गया था।
पथ संचलन में बाल से लेकर प्रौढ़ स्वयंसेवक शामिल रहे। वयोवृद्ध स्वयंसेवकों का उत्साह देखते ही बन रहा था। शताब्दी वर्ष की अनुभूति हर स्वयंसेवक में नई ऊर्जा व दायित्व का बोध करा रही है। विजयदशमी पर वर्ष 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी।
बृहस्पतिवार को दिल्ली में कुल 346 स्थानों पर विजयदशमी उत्सव, शस्त्र पूजन व पथ संचलन का आयोजन किया गया। संघ की 100 वर्ष की यात्रा से संबंधित प्रदर्शनियां भी लगाई गई। कार्यक्रमों में समाज के प्रबुद्ध व्यक्तियों को भी आमंत्रित किया गया था। जिसमें महिला शक्ति की मौजूदगी उल्लेखनीय रही।
पथ संचलन के समापन पर अलग- अलग स्थानों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय, क्षेत्र व प्रांत के पदाधिकारियों द्वारा स्वयंसेवकों का प्रबोधन किया गया।
प्रांत संघचालक डा. अनिल अग्रवाल व अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार पश्चिम विहार में आयोजित विजयदशमी उत्सव व पथ संचलन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए जबकि अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख भारत बिजवासन में, अखिल भारतीय सीमा जागरण मंच के संगठन मंत्री मुरली कोंडली व मयूर विहार में प्रांत कार्यवाह अनिल गुप्ता विकास नगर व उत्तम नगर में तथा प्रांत प्रचारक विशाल का दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में रहना हुआ।
वक्ताओं ने संघ की स्थापना की आवश्यकता, उद्देश्य व उसकी 100 वर्ष की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने समाज व स्वयंसेवकों से अपने जीवन में पंच परिवर्तन अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के परम वैभव के लिए पंच परिवर्तन के अंतर्गत हम सब अपने दैनिक जीवन में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली एवं स्वदेशी को अपनाएं तथा नागरिक कर्तव्यों का पालन करें।
विजयदशमी उत्सव के साथ ही संघ शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो गया जिसके अंतर्गत वर्षपर्यंत समाज द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें वृहद गृह संपर्क व हिंदू सम्मेलन प्रमुख है।
दिल्लीभर में स्थानीय लोगों ने किया भव्य स्वागत
पहाड़गंज में राम नगर मंडल समेत कई स्थानों पर भव्य पथ संचलन निकला। पूर्वी दिल्ली के चौहान बांगर मंडल व वेस्ट विनोद नगर में पथ संचलन निकला, जिसका स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया। दक्षिणी दिल्ली में लाजपत जिला के कालिंदी मंडल द्वारा भरत नगर, तैमूर नगर, खिजराबाद क्षेत्र में पथ संचलन किया गया। मौके पर नगर संघचालक अनिल, जिला प्रचारक हर्षित, नगर कार्यवाह कृष्णा, सह नगर कार्यवाह संजय, व्यवस्था प्रमुख रमेश सहित कई स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
बाहरी दिल्ली के रोहिणी जिले 14 मंडलों में स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजन के बाद बिगुल व घोष की धुन पर पद संचलन किया। उत्सव में 5,810 स्वयंसेवकों समेत नारी शक्ति व समाज के विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोगों ने अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। संचलन मार्ग पर स्थानीय निवासियों ने पुष्प वर्षा करके स्वयंसेवकों का स्वागत किया।
प्रशांत विहार में जिला पार्क में आयोजित उत्सव में मुख्य वक्ता संघ वरिष्ठ कार्यकर्ता कृष्ण और सुदर्शन व मुख्य अतिथि डा. देवेंद्र साथ व डा. माधुरी रहीं।
कार्यक्रम के बाद रोहिणी सेक्टर-14 के मुख्य मार्गों से स्वयंसेवकों ने पद संचलन किया। इसी तरह, रोहिणी सेक्टर-15 में भी उत्सव मनाया। मंगोलपुरी दक्षिणी, मंगोलपुरी उत्तरी, के साथ ही अवंतिका नगर, नाहरपुर व सुखदेव नगर में भी विजयदशमी उत्सव मनाया गया। पीतमपुरा उत्तरी मंडल का पथ संचलन कार्यक्रम आरयू-एसयू पार्क से आरंभ हुआ।
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