RSS Expansion: कश्मीर-पंजाब सहित इन राज्यों में संघ करेगा अपना विस्तार, स्थापना के 100 साल होने से पहले हासिल करेगा लक्ष्य
स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश के एक लाख स्थानों तक अपनी पहुंच बनाने का महत्वकांक्षी लक्ष्य तय किया है। इसके लिए उन राज्यों में विशेष ध्यान केंद्रित करने की रणनीति बनाई गई है जहां वर्तमान में संघ का विस्तार और काम कम है।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने देश के एक लाख स्थानों तक अपनी पहुंच बनाने का महत्वकांक्षी लक्ष्य तय किया है। इसके लिए उन राज्यों में विशेष ध्यान केंद्रित करने की रणनीति बनाई गई है, जहां वर्तमान में संघ का विस्तार और काम कम है।
इसमें कश्मीर और पंजाब के साथ ही पूर्वोत्तर व दक्षिण के कुछ राज्य हैं। विशेष बात कि विस्तार के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बड़ी संख्या में ''शताब्दी विस्तारक'' लगाए जाएंगे, जिनका काम उन स्थानों पर संघ की गतिविधियां शुरू करानी होगी।
साप्ताहिक या मासिक मिलन होगा शुरू
उन्हें शाखाओं से लेकर साप्ताहिक या मासिक मिलन शुरू कराना होगा। इसी तरह संघ के सभी आनुषांगिक संगठनों को भी विस्तार का लक्ष्य थमाया गया है। वह संघ के विस्तार के साथ अपनी सांगठनिक गतिविधियों को भी नए स्थानों तक पहुंचाएंगे। संघ के 36 आनुषांगिक संगठन हैं।
आरएसएस के ये हैं मुख्य आनुषांगिक संगठन
इसमें भाजपा, विश्व हिंदू परिषद (VHP), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), सेवा भारती, संस्कार भारती, भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस), भारतीय किसान संघ (बीकेएस) समेत अन्य हैं। इसके साथ कुछ वैचारिक संगठन हैं। वे भी विस्तार के साथी बनेंगे।
फिलहाल 56000 हजार शाखाएं लग रहीं
कोरोना महामारी में संघ का काम प्रभावित हुआ था। महामारी और लाकडाउन में शाखाएं बंद थी। दो वर्ष संघ के शिक्षा वर्ग नहीं लगे। इसी वर्ष से फिर से संघ की गतिविधियों ने गति पकड़ी है और शिक्षा वर्ग लगे। मौजूदा समय में संघ की देशभर के 32 हजार स्थानों पर 56 हजार से अधिक शाखाएं लग रही हैं।
दो साल में एक लाख शाखाएं करने का लक्ष्य
इसमें साप्ताहिक व मासिक मिलन भी शामिल है। दो वर्ष में इसे बढ़ाकर एक लाख स्थान तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार, संघ का कश्मीर के साथ ही दक्षिण के तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश, तथा आसाम को छोड़कर पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में काम कम है।
इसी तरह पंजाब में भी कार्य बढ़ाने की आवश्यकता है। विस्तार में इन राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जहां संगठन के विस्तार के लिए दूसरे स्थानों से विशेष ''शताब्दी विस्तारक'' भेजे जाएंगे। ये विस्तारक एक से दो वर्ष के लिए होंगे।
संघ का स्थापना वर्ष होगा खास
संघ की स्थापना वर्ष 1925 में हुई थी। शताब्दी वर्ष को भी विशेष तरह से मनाया जाएगा। हालांकि, अभी उसकी कार्ययोजना तय नहीं की गई है। वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक उसे समय रहते कुछ माह में अंतिम रूप दिया जाएगा।

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