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    विजयादशमी पर RSS दिखाएगा देश की शक्ति, 60 लाख स्वयंसेवक लेंगे हिस्सा

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 10:30 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर इस विजयादशमी पर देश संघ शक्ति का प्रदर्शन करेगा। 90 हजार स्थानों पर आयोजन होंगे जिसमें 60 लाख स्वयंसेवक भाग लेंगे। 2 अक्टूबर को देश भर में एक साथ पथ संचलन निकाला जाएगा। शताब्दी वर्ष के चलते इस बार मंडल व बस्ती स्तर तक दायरा बढ़ाया गया है। मुख्य कार्यक्रम नागपुर में होगा जहाँ मोहन भागवत संबोधित करेंगे।

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    RSS की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर इस विजयादशमी पर देश संघ शक्ति का प्रदर्शन करेगा। फाइल फोटो

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में इस विजयादशमी पर देश 'संघ शक्ति' का विहंगम दृश्य देखेगा। 90 हजार स्थानों पर विविध आयोजन होंगे, जिनमें 60 लाख स्वयंसेवकों के साथ समाज के लाखों लोग भाग लेंगे। 2 अक्टूबर को पूरे देश में एक साथ एक समय में पथ संचलन निकाला जाएगा।

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    संघ की स्थापना वर्ष 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में हुई थी। हर वर्ष विजयादशमी पर पथ संचलन व अन्य आयोजन होते हैं, लेकिन शताब्दी वर्ष के चलते इस बार इसका दायरा मंडल व बस्ती स्तर तक बढ़ा दिया गया है। पंथ संचलन व बैंड के प्रशिक्षण के साथ स्वयंसेवकों की गणवेश तैयार की जा रही है।

    डिजिटल माध्यम से आंकड़े व जानकारी एकत्रित की जा रही है। पथ संचलन के मार्ग निर्धारित किए जा रहे हैं। गणवेश बिक्री केंद्र खोले जा रहे हैं और समाज के प्रबुद्ध लोगों से संपर्क कर उन्हें आमंत्रित किया जा रहा है। देशभर में संघ की संरचना में 58,964 मंडल और 44,055 बस्तियां हैं। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार, 90 हजार स्थानों पर आयोजन होंगे।

    अनुमान है कि प्रत्येक पथ संचलन में 200 से 300 स्वयंसेवक भाग लेंगे। दिल्ली के पथ संचलन में 500 स्वयंसेवक जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। जिन मंडलों और बस्तियों में पथ संचलन नहीं होगा, वहां बौद्धिक आयोजन होंगे, जिनमें औसतन 100 लोग भाग लेंगे।

    मुख्य आयोजन नागपुर में होगा, जहां शस्त्र पूजा के बाद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की उपस्थिति में सरसंघचालक मोहन भागवत संबोधित करेंगे। 2 अक्टूबर के मुख्य आयोजनों के साथ ही संबंधित आयोजन 22 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर तक देश के विभिन्न स्थानों पर चलेंगे। मंडल और बस्ती स्तर पर एक लाख से अधिक हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।

    शताब्दी वर्ष में देश भर में एक लाख से ज़्यादा हिंदू सम्मेलन आयोजित करने की योजना है, जिनमें त्योहारों, सामाजिक एकता और सद्भाव पर चर्चा होगी। 11,360 सामाजिक सद्भावना बैठकें भी होंगी। दिल्ली के बाद, सरसंघचालक भागवत की व्याख्यानमाला चेन्नई, कोलकाता और बेंगलुरु में आयोजित की जाएगी।

    एक व्यापक राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत हर गाँव और बस्ती में 10 करोड़ से ज़्यादा परिवारों तक पहुँचने का प्रयास किया जाएगा। गणवेश में काली टोपी, सफ़ेद कमीज़, खाकी पैंट, खाकी बेल्ट, काले जूते और खाकी मोज़े शामिल होंगे।