दिल्ली पुलिस ने 10 नाबालिग लड़कियों को कराया मुक्त, नौकरी का वादा करके झारखंड से लाई गई थीं किशोरियां
रोहिणी पुलिस ने विजय विहार में एक प्लेसमेंट एजेंसी पर छापा मारकर झारखंड से लाई गईं 10 नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया। एजेंसी संचालिका रीता को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया है। किशोरियों को घरेलू काम के लिए लाया गया था और उनका शारीरिक व मानसिक शोषण किया जाता था। उन्हें रेस्क्यू होम भेज दिया गया है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। रोहिणी सेक्टर-10 के पास विजय विहार फेज-2 स्थित एक प्लेसमेंट एजेंसी से बृहस्पतिवार को रोहिणी जिला पुलिस ने छापेमारी कर दस नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया। जिनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया जा रहा था।
पुलिस जांच में पता चला कि किशोरियों को रोजगार का वादा करके झारखंड से दिल्ली लाया गया था।रोहिणी जिला पुलिस उपायुक्त राजीव रंजन ने बताया कि 24 जुलाई को थाना विजय विहार पुलिस को जानकारी मिली कि विजय विहार क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की को बंधक बनाया गया है।
सूचना मिलती ही किशोरी को बचाने के महिला उप-निरीक्षक मोनिका, हवलदार हवा सिंह, प्रदीप, सुरेंद्र ,महिला कांस्टेबल सपना की एक टीम गठित की गई। पुलिस टीम ने किशोरी की तलाश शुरू की। इस दौरान विजय विहार फेज-2 स्थित एक मकान में छापेमारी कर 10 किशोरियों को मुक्त कराया गया।
पूछताछ के दौरान, पता चला कि नाबालिगों को घरेलू सहायिका उपलब्ध कराने वाली एक प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा रखा गया था। जिसकी मालकिन रीता नाम की महिला थी। जो मूल रूप से बंगाल की रहने वाली है। पुलिस ने महिला के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया।
सभी मुक्त कराई गई लड़कियों को मेडिकल जांच के बाद कंझावला स्थित रेस्क्यू फाउंडेशन होम भेज दिया गया है। पुलिस आरोपित महिला को दो दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। जानकारी के मुताबिक यहां से मुक्त कराई गई लड़किया 14 से 17 वर्ष की है।
शुरुआती जांच में पाया गया कि सभी 10 लड़कियां झारखंड के साहिबगंज जिले की रहने वाली हैं। जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इनमें से छह लड़कियों को हाल ही में लाया गया था, जबकि चार पिछले एक साल से वहां काम कर रही थीं।
उन्हें घरों में घरेलू सहायिका के रूप में भेजा जाता था। इनमें से एक लड़की ने बताया कि उसे कभी भी पूरा वेतन नहीं दिया गया। उसने बार-बार अपने घर लौटने की इच्छा जताई, लेकिन उसकी विनती अनसुनी कर दी गई। एक अन्य नाबालिग ने कहा कि जब उसने बार-बार घर भेजने का अनुरोध किया, तो उसके साथ मारपीट की गई।
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