Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सफदरजंग में न्यूरो के मरीजों को मिल सकेगी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा, अस्पताल ने शुरू की मशीन लगाने की प्रक्रिया

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 10:40 PM (IST)

    एम्स अस्पताल पिछले दो वर्षों से रोबोटिक सर्जरी की सुविधा का विस्तार कर रहा है। सफदरजंग अस्पताल भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है जहां न्यूरो संबंधी बीमारि ...और पढ़ें

    Hero Image
    सफदरजंग में न्यूरो के मरीजों को मिल सकेगी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एम्स पिछले डेढ़-दो वर्षों से एम्स रोबोटिक सर्जरी की सुविधा बढ़ाने में जुटा हुआ है। चिकित्सा सुविधाओं के आधुनिकीकरण के लिए इसी रास्ते पर सफदरजंग अस्पताल भी आगे बढ़ते दिख रहा है।इसी क्रम में सफदरजंग अस्पताल में न्यूरो की बीमारियों की सर्जरी के लिए भी रोबोटिक मशीन लगाने की तैयारी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएससीसी (हॉस्पिटल सर्विस कंसल्टेंसी कार्पोरेशन) को मशीन खरीदकर लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके बाद रोबोटिक मशीन और उससे संबंधित उपकरण खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि अगले वर्ष के मध्यम तक रोबोटिक मशीन लग जाएगी। इससे सफदरजंग अस्पताल में न्यूरो व स्पाइन के मरीजों को भी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा भी मिल सकेगी।

    ऑपरेशन थियेटर में एक रोबोटिक मशीन उपलब्ध

    सफदरजंग अस्पताल में यूरोलाजी के ऑपरेशन थियेटर में एक रोबोटिक मशीन उपलब्ध है। इससे किडनी व यूरोलाजी से संबंधित बीमारियों की सर्जरी अधिक होती है। इसके अलावा अस्पताल के स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर में भी रोबोटिक सर्जरी लगाने की प्रक्रिया चल रही है। इसी क्रम में अब न्यूरो सर्जरी के लिए रोबोटिक मशीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

    न्यूरो की बीमारियों में रोबोटिक सर्जरी अधिक चुनौतीपूर्ण

    डॉक्टर बताते हैं कि न्यूरो की बीमारियों में रोबोटिक सर्जरी अधिक चुनौतीपूर्ण है। इस वजह से न्यूरो की बीमारियों में भी रोबोटिक मशीन का इस्तेमाल अभी बहुत ज्यादा नहीं हो रहा है। निजी क्षेत्र के भी बहुत कम अस्पतालों में इस तरह की सुविधा है।

    रोबोटिक सर्जरी का फायदा यह होता है कि 360 डिग्री इमेजिंग व नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल होता है। इससे सर्जरी अधिक सुरक्षित होती है। साथ ही मरीज को ज्यादा चीरा नहीं लगाना पड़ता है। इस वजह से सर्जरी के बाद मरीजों को अस्पताल से छुट्टी जल्दी मिल जाती है।