IIT के छात्रों ने तैयार किया ऐसा ऐप, सिर्फ 30 सेकंड में देगा रिजल्ट; महंगी जांच से मिलेगा छुटकारा
आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्रों ने एक ऐसा ऐप बनाया है जिससे आप अपने स्मार्टफोन से ही खून और किडनी से जुड़ी 11 से ज्यादा जांचें महज 30 सेकंड में कर सकते हैं। यह ऐप आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित है और इसका इस्तेमाल करना बेहद आसान है। इस ऐप की मदद से आप महंगी पैथोलॉजी जांच से बच सकते हैं और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख सकते हैं।

अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। पैथोलाजी लैब की महंगी जांच और उसके परिणाम पाने में लगने वाला लंबा समय अब बीते समय की बात होने जा रही है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के तीन पूर्व छात्रों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) आधारित स्मार्टफोन ‘रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्टिंग’ ऐप को विकसित किया है। हेल्थ-टेक स्टार्टअप ‘नियोडाक्स’ के इस ऐप से अपने स्मार्टफोन से बेहद कम खर्च और समय में खून और किडनी से संबंधित 11 से अधिक स्वास्थ्य जांचें की जा सकती हैं।
इसके परिणाम भी महज कुछ सेकेंडों में पता चल जाते हैं। मोबाइल पर ऐप को अपलोड करने के बाद फोन से एक नियोडाक्स डिवाइस को जोड़ना होता है। सिर्फ 20 रुपये की एक स्ट्रिप और फोन से डिवाइस को जोड़ने से स्मार्टफोन एक चलती फिरती मोबाइल पैथोलॉजी में बदल जाता है।
इन बीमारियों का तुरंत चलेगा पता
पूर्व आइआइटी छात्र निकुंज मालपानी, अनुराग मीना और प्रतीक लोढा के द्वारा विकसित एप और नियोडाक्स डिवाइस के जरिए मात्र 30 सेकेंड में खून और किडनी से संबंधित जांचे जैसे यूरिन एल्ब्यूमिन क्रिएटिनिन रेशियो, ग्लूकोज, प्रोटीन, कीटोन, क्रिएटिनिन, ल्यूकोसाइट्स, नाइट्राइट्स, पीएच, स्पेसिफिक ग्रैविटी, ब्लड माइक्रोएल्ब्यूमिन जांच के सटीक परिणाम सामने आ जाते हैं। वह भी बिना किसी विशेषज्ञ की मदद के। आप चाहें यात्रा में हो, गांव में हों या फिर दूर-दराज के किसी पर्यटक स्थल पर आपके स्मार्टफोन पर यह सुविधा हर कहीं उपलब्ध है। हाल में दिल्ली में हुए स्टार्टअप महाकुंभ में भी नियोडाक्स के इस नवाचार को काफी सराहना मिली है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच में आएगा बदलाव
नियोडाक्स के सह संस्थापक निकुंज मालपानी ने बताते हैं कि ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाओं विशेषकर गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच की दिशा में इससे क्रांतिकारी बदलाव आएगा। अभी अधिकांश पैथोलाजी लैब शहरी क्षेत्रों हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी पहुंच सीमित है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में कार्य कर रहे चिकित्सकों के लिए तो यह वरदान सिद्ध हो रहा है।
कई राज्यों में सफल उपयोग हो रहा
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक में इसका सफल उपयोग हो रहा है। अब इस एप और डिवाइस को अन्य राज्यों में भी पहुंचाया जाएगा। आसान स्वास्थ्य जांच के माध्यम से स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ कम करने के उद्देश्य से स्थापित इस स्टार्टअप को ओमिदयास और गूगल का सहयोग व समर्थन प्राप्त है। इसके लिए मोबाइल इंटरनेट या फिर वाई-फाई की आवश्यकता पड़ती है। निकुंज मालपानी ने बताया कि खून और किडनी की जांच तो इसके बिना भी हो सकती है पर, जांच परिणाम के लिए इंटरनेट या फिर वाई-फाई आवश्यकता होती है।
ट्रायल में सही परिणाम, स्वास्थ्य केंद्रों पर ली जा रहीं ऐप की सेवाएं
किडनी से संबंधित जांच के लिए उपयोगकर्ता को नियोडाक्स टेस्ट कार्ड (प्रेगनेंसी जांच जैसी स्ट्रिप) पर सैंपल डालकर नियोडाक्स एप पर फोन से फोटो खींचनी होती है। ऐसा करते ही जांच परिणाम आपके फोन की स्क्रीन पर आ जाता है। एआइ परिष्कृत एल्गोरिदम स्ट्रिप के रंग, तीव्रता में बदलाव का विश्लेषण कर यह परिणाम देता है।
सह संस्थापक अनुराग मीना ने बताया कि मुंबई के लोकमान्य तिलक अस्पताल में नियोडाक्स एप के 250 के करीब हुए ट्रायल में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इसके परिणामों को सही पाया। इसके बाद इसे महाराष्ट्र और राजस्थान में 250 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और कर्नाटक में 200 स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचा कर वहां एप से सेवाएं दी जा रही हैं। इस एप के माध्यम से अब तक 20 हजार से अधिक जांचें की जा चुकी हैं।
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