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    Delhi News: हरियाणा के इन क्षेत्रों में गुरुग्राम-फरीदाबाद और दिल्ली जैसे प्रतिबंध, लोगों ने की NCR से बाहर होने की मांग

    By Pradeep ChauhanEdited By:
    Updated: Sun, 10 Jul 2022 01:55 PM (IST)

    रतन सिंह सौरोत के अनुसार बेशक होडल राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर-19 के साथ बसा है मगर यहां सस्ती कृषि योग्य भूमि पर औद्योगिक विकास नहीं हुआ। इसका कारण है कि जमीन सस्ती होने के बावजूद भी इन क्षेत्रों में एनसीआर के प्रतिबंध लागू होते हैं।

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    ऐसे में उद्यमियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से मिलीभगत करनी पड़ती है।

    नई दिल्ली [वी.के.शुक्ला]। हरियाणा सरकार ने राज्य के पांच जिला और दो जिलो की तीन तहसीलों को एनसीआर के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव रखा है। सरकार का मानना है कि करनाल, जींद, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और भिवानी सहित रोहतक के महम और पानीपत के मतलौड़ा समेत पानीपत में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड का कोई फायदा नहीं हो रहा है। एनसीआर में शामिल होने के कारण इन क्षेत्रों में भी गुरुग्राम-फरीदाबाद सहित दिल्ली जैसे प्रतिबंध लग रहे हैं।

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    इसके बाद दक्षिण हरियाणा के ग्रामीण परिवेश के लोग भी अपने क्षेत्रों को एनसीआर से बाहर निकालने की मांग उठाने लगे हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता रतन सिंह सौरोत का कहना है कि दक्षिण हरियाणा में दिल्ली-आगरा बेल्ट पर फरीदाबाद के बाद पलवल को छोड़कर होडल, हसनपुर और नूंह के हथीन में भी एनसीआर प्ला¨नग बोर्ड का कोई फायदा पिछले दस साल में नहीं हुआ है। इसलिए इन तीनों क्षेत्रों को भी एनसीआर के दायरे से बाहर किया जाना चाहिए। इसके लिए शीघ्र ही दक्षिण हरियाणा का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा।

    NCR में शामिल होने के कारण थम गया औद्योगिक विकास

    रतन  सिंह सौरोत के अनुसार बेशक होडल राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर-19 के साथ बसा है मगर यहां सस्ती कृषि योग्य भूमि पर औद्योगिक विकास नहीं हुआ। इसका कारण है कि जमीन सस्ती होने के बावजूद भी इन क्षेत्रों में एनसीआर के प्रतिबंध लागू होते हैं। प्लांट और मशीनरी स्थापित करने में यहां उद्यमियों को उतना ही खर्च करना पड़ता है, जितना गुरुग्राम-फरीदाबाद में करना होता है।

    इसके अलावा इन क्षेत्रों में बिजली कमी के कारण जनरेटर भी नहीं चला सकते। 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशानिर्देशानुसार यहां जनरेटर चलाना प्रतिबंध है। एनसीआर में उद्योगों के लिए ईंधन के रूप में पीएनजी इस्तेमाल करनी चाहिए मगर अभी तक पीएनजी की लाइन ही होडल और हथीन में नहीं है। ऐसे में उद्यमियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से मिलीभगत करनी पड़ती है।

    NCR में शामिल होने के कारण सस्ती में बेचनी पड़ी महंगी गाडि़यां

    रतन सिंह सौरोत बताते हैं कि वे इस मुद्दे को लेकर औद्योगिक व व्यापार संघ से लेकर पंचायतों के बीच भी जाएंगे। वे चाहते हैं कि दक्षिण हरियाणा के होडल, हसनपुर, हथीन ही नहीं बल्कि मेवात के अन्य कस्बों सहित पटौदी, तावडू, रेवाड़ी के ग्रामीण क्षेत्रों को एनसीआर के दायरे से बाहर किया जाए। पिछले दिनों जब 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा तो ग्रामीण परिवेश वाले क्षेत्रों के लोगों को भी अपनी महंगी गाडि़यां सस्ते में बेचनी पड़ी।

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