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    Delhi Doctors Strike: AIIMS समेत दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में हड़ताल, मरीजों को आज भी राहत के आसार नहीं

    फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कोलकाता में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की हत्या के विरोध में अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को आगे बढ़ाने का एलान किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बैठक बेनतीजा रहने के कारण दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल आज मंगलवार को भी जारी है। इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है। अस्पतालों ने फिलहाल अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को सीमित कर दिया है।

    By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 13 Aug 2024 10:12 AM (IST)
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    रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित। फोटो- जागरण

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला रेजिडेंट डॉक्टर की हत्या की घटना के विरोध में दिल्ली में लगातार दूसरे दिन भी एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, लोकनायक, जीबी पंत सहित सभी बड़े अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस वजह से ओपीडी और नियमित सर्जरी प्रभावित है। ऐसे में अस्पतालों की ओपीडी में जाने पर बगैर इलाज के वापस लौटना पड़ सकता है।

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    अस्पतालों ने ओपीडी सेवा को किया सीमित 

    रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के मद्देनजर अस्पतालों ने अपनी ओपीडी सेवा को सीमित कर दिया है। ओपीडी में पुराने मरीज भी ज्यादा देखे जा रहे हैं। एम्स में पहले से अप्वाइंटमेंट वाले मरीज प्रमुखता से देखे जाएंगे।

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    सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की मांग

    इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने की सिफारिश की है। इसके अलावा डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की है।

    इसके अलावा अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन देश भर के अस्पतालों में महिला डॉक्टरों, नर्स व अन्य महिला कर्मचारियों की सुरक्षा की व्यवस्था बढ़ा जाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए अस्पतालों में ऐसे सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने की मांग कर रहे जो जगह महिलाओं के लिए असुरक्षित हो सकती है।

    एम्स फैकल्टी एसोसिएशन ने की CBI जांच की मांग

    कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में जूनियर महिला डॉक्टर की हत्या की घटना के मद्देनजर हड़ताल कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों का एम्स के फैकल्टी एसोसिएशन ने भी समर्थन किया है और घटना को देश के लिए शर्मनाक बताया है। एसोसिएशन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय व पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखकर सीबीआई जांच कराने की मांग की है।

    साथ ही देश भर में डाक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा कानून बनाने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि डॉक्टर बहुत दबाव भरे माहौल में काम करते हैं। डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए जल्द सख्त कानून बनाया जाना चाहिए। यह लंबे समय से यह लंबित है।

    एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन व डॉक्टरों के कई अन्य संगठनों ने वर्ष 2019 में यह मामला उठाया था, लेकिन यह बिल पास नहीं हुआ। कोलकाता की घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए। पीड़िता को न्याय मिलने तक हर महीने की नौ तारीख को डॉक्टर काली पट्टी बांध कर काम करेंगे।