Delhi Building Collapse: दो मासूम जिंदगियों को बचाने के लिए आठ घंटे तक चला रेस्क्यू, मलबे में मिले शव
Delhi Building Collapse दमकल निगम व पुलिस की टीमों को रेस्क्यू करवाने में काफी समस्या हुई बारिश से भी रेस्क्यू में बाधा पहुंची। जगह कम होने की वजह से बुलडोजर से मलबा हट नहीं पाया हाथों व दूसरे माध्यम से मलबा हटाया गया।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन ]। Delhi Building Collapse: जौहरीपुर में दो जिंदगियां को बचाने के लिए आठ घंटे तक रेस्क्यू आपरेशन चला। हर कोई दुआ कर रहा था कि मलबे के नीचे दबे दोनों लोग सही सलामत बाहर आ जाएं। जिस वक्त दोनों लोगों के शव मलबे में मिले, लोगों की आंखें भर आईं। इतने लंबे समय तक चले आपरेशन के बाद भी उनकी जिंदगियां बच नहीं पाई।
दोनों जिंदगी लापरवाही की भेंट चढ़ गईं, लेकिन कौन उनकी मौत का जिम्मेदार है किसी को नहीं पता। पटिया व लोहे के टी-आयरन से बने दो मंजिला मकान में कई वर्षो से पैकिंग की अवैध फैक्ट्री चल रही थी, लेकिन निगम को कभी नजर नहीं आई।
जिस मकान में हादसा हुआ वह बंद गली में है और गली के आखिरी कोने में है। दमकल, निगम व पुलिस की टीमों को रेस्क्यू करवाने में काफी समस्या हुई, बारिश से भी रेस्क्यू में बाधा पहुंची। जगह कम होने की वजह से बुलडोजर से मलबा हट नहीं पाया, हाथों व दूसरे माध्यम से मलबा हटाया गया।
थोड़ा सा मलबा हटते ही बचाव टीम व आम लोगों को उम्मीद जगने लगती कि शायद अब दबे हुए लोग बाहर आ जाएंगे, लेकिन रात तक मायूसी ही हाथ लगी। स्थानीय निवासी मनोज ने बताया कि वह शुक्रवार दोपहर को अपने घर में थे, अचानक से एक तेज आवाज सुनी।
घर से निकले तो देखा गली के कोने का मकान जमींदोज हो गया है। मलबे में दबे लोग चिल्ला रहे हैं, वह और गली में रहने वाले अन्य लोग बिना देरी किए बचाव कार्य में जुट गए। मकान पूरा गिर गया था, मलबा हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। स्थानीय लोग रात तक पुलिस व बचाव टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डटे रहे।
जिलाधिकारी मौके पर डटी रहीं
उत्तर पूर्वी जिलाधिकारी गीतिका शर्मा प्रशासन की टीम के साथ घटनास्थल पर डटी रहीं। सिविल डिफेंस वालंटियर ने भी बचाव कार्य में अहम योगदान निभाया। जिलाधिकारी का कहना है कि प्रशासन की ओर से घायलों को पूरी मदद की जा रही है।