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    मुस्तफाबाद हादसे के बाद 19 घंटे तक चला राहत और बचाव कार्य, मलबा हटाने का काम अभी भी जारी

    Updated: Sun, 20 Apr 2025 10:24 PM (IST)

    मुस्तफाबाद में एक तीन मंजिला इमारत के गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई। 19 घंटे तक चले बचाव अभियान में 22 लोगों को बचाया गया। पुलिस ने लापरवाही से मौत का मामला दर्ज किया है शुरुआती जांच में अवैध निर्माण को हादसे का कारण माना जा रहा है। दिल्ली सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है।

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    मुस्तफाबाद हादसे में 11 लोगों की मौत, 22 को बचाया गया।

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। मुस्तफाबाद में तीन मंजिला मकान जमीनदोज होने पर राहत बचाव कार्य 19 घंटे तक चला। 22 लोगों के अलावा वहां कोई नहीं मिला। बचाव कार्य के आखिर वक्त में मलबे के नीचे पिंजरे में दो जिंदा मुर्गे मिले।

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    एनडीआरएफ, दमकल व पुलिस ने बचाव कार्य बंद कर दिया। हादसे में मारे गए 11 लोगों की मौत की वजह दम घुटना, हाथ, पैर, सिर की हड्डी टूटना, अधिक खून बहना बताया गया है। दिल्ली नगर निगम गली से मलबा हटाने में जुटा हुआ है। गली 15 फुट चौड़ी। मलबा हटाने में निगम को समस्या हो रही है। निगम के बड़े डंपर गली में बड़ी मुश्किल में पहुंच रहे हैं।

    सोमवार तक मलबा हटने की संभावना

    उम्मीद है सोमवार शाम तक मलबा हट जाएगा। दयालपुर थाना ने लापरवाही से मौत की धारा में प्राथमिकी की है। पुलिस ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस ने हादसे की वजह मकान के भू-तल पर दो दुकानों को एक करने के लिए बीच की दीवार व पिलर को तोड़ना माना है। दुकान को बड़ा करके मकान मालिक तहसीन को उसे किराये पर देना था।

    हादसे में एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत 

    हादसे में घायल किरायेदार नबी अहमद, इनकी बेटी तनु व दूसरे किरायेदार शाहिद का इलाज जीटीबी अस्पताल में चल रहा है। दस घंटे तक मलबे के नीचे दबी रही मकान मालिक तहसीन की पत्नी जीनत को रविवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। हादसे का नाम आते ही वह सहम रही हैं। इस हादसे में उनके परिवार के आठ लोगों की मौत हुई है, इसके बारे में उन्हें नहीं बताया गया।

    हादसे में 11 लोगों की मौत

    दमकल को शुक्रवार रात 2:50 बजे शक्ति विहार दयालपुर गली नंबर एक में तीन मंजिला मकान गिरने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही एनडीआरएफ, दमकल, पुलिस समेत कई विभाग मौके पर पहुंचे। राहत बचाव कार्य शुरू किया। एक-एक करके मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला गया। मलबे के नीचे दबे 11 लोगों के शव निकाले गए और 11 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

    पिंजरे के अंदर दो जिंदा मुर्गे मिले

    आखिरी शव दिन में 3:45 बजे एक बुजुर्ग का निकाला गया था। बुजुर्ग के शव के निकाले जाने के बाद साढ़े छह घंटे तक बचाव दल ने सर्च ऑपरेशन चलाया। मकान से सारा मलबा हटाया। 22 के अलावा कोई व्यक्ति नहीं मिला। मकान के भू-तल पर बनी एक दुकान के अंदर से पिंजरे के अंदर जो जिंदा मुर्गे मिले। शनिवार रात करीब 10:30 बजे टीम ने राहत बचाव कार्य रोक दिया।

    दिल्ली सरकार ने दिए जांच के आदेश

    दिल्ली सरकार ने उत्तर पूर्वी जिलाधिकारी अजय कुमार को हादसे की जांच करने के आदेश दिए हैं। 15 दिनों के अंदर उन्हें अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंपनी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद दिल्ली सरकार ने भी हादसे के पीड़ितों को मुआवजा देने का एलान किया है। व्यस्क मृतकों को दस व मृत बच्चों को पांच लाख व गंभीर रूप से घायलों को दो लाख रुपये व जिन्हें मामूली चोट लगी है उन्हें 20 हजार रुपये दिए जाएंगे।

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