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AIIMS: डॉक्टरों का गर्भवती की इमरजेंसी सर्जरी से इनकार, गर्भ में ही चली गई बच्चे की जान

एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके शर्मा ने कहा कि शिकायत में गलत आरोप लगाए गए हैं। महिला को आइसीयू में भर्ती किया गया था और अब बाहर आ गई है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 07:46 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 07:46 AM (IST)
AIIMS: डॉक्टरों का गर्भवती की इमरजेंसी सर्जरी से इनकार, गर्भ में ही चली गई बच्चे की जान
AIIMS: डॉक्टरों का गर्भवती की इमरजेंसी सर्जरी से इनकार, गर्भ में ही चली गई बच्चे की जान

नई दिल्ली, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) एम्स में बिहार के बेतिया की रहने वाली एक गर्भवती महिला अव्यवस्था की शिकार हो गई। वह इमरजेंसी में इलाज के लिए तड़पती रही पर आइसीयू में बेड खाली होने के बावजूद गायनी के रेजिडेंट डॉक्टर ने भर्ती करने व इमरजेंसी में सर्जरी करने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि वह पहले से पंजीकृत नहीं हैं। बाद में मेडिसिन यूनिट के अंतर्गत आइसीयू में भर्ती हुई पर उपयुक्त इलाज नहीं मिलने से गर्भस्थ शिशु की पेट में ही मौत हो गई।

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घटना आठ जून की है और नौ जून से महिला आइसीयू में है। संस्थान के ही एक रेजिडेंट डॉक्टर ने 11 जून को अस्पताल प्रशासन से शिकायत की। कहा, महिला को समय पर इलाज मिला होता तो बच्चे को बचाया जा सकता था। एम्स प्रशासन ने कमेटी बनाकर जांच शुरू कर दी है।

दरअसल, आठ जून की रात 11:30 बजे गर्भवती महिला को एम्स की इमरजेंसी में लाया गया था। वह 32 सप्ताह की गर्भवती थी। उसे हृदय की बीमारी थी और एक वाल्व में दिक्कत के कारण ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी। कार्डियोलॉजी के रेजिडेंट डॉक्टर ने जांच कर गायनी के डॉक्टर से इलाज कराने की सलाह दी। रात 12:10 बजे गायनी के वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर को व आइसीयू में भी सूचना दी गई।

गायनी के रेजिडेंट डॉक्टर ने 40 मिनट बाद इमरजेंसी में रिपोर्ट की, तब गर्भस्थ बच्चे के दिल की धड़कन भी सुनाई दे रही थी। लेकिन, पहले से एम्स में पंजीकृत नहीं होने के कारण गायनी के डॉक्टर ने ऑपरेशन से इन्कार कर दिया। रात दो बजे तक बहस होती रही। इस बीच महिला को दिल का दौरा पड़ गया। छह मिनट तक सीपीआर (कार्डियक पल्मोनरी रिससिटेशन) देने पर महिला की धड़कन वापस आई, लेकिन गर्भस्थ शिशु की धड़कन सुनाई नहीं दी। बताया जा रहा है कि बाद में दवा देकर गर्भपात कराया गया।

चिकित्सा अधीक्षक ने कहा गलत हैं आरोप

एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके शर्मा ने कहा कि शिकायत में गलत आरोप लगाए गए हैं। महिला को आइसीयू में भर्ती किया गया था और अब बाहर आ गई है। चार सदस्यीय कमेटी मामले की जांच कर रही है। हालांकि, पीड़ित महिला के पति ने बताया कि उनकी पत्नी अब भी आसीयू में बेहोशी की ही हालत में हैं।


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