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    दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्रोतों की रियल टाइम पहचान शुरू, स्थापित किए गए मॉलिक्यूलर मार्कर नेटवर्क

    By sanjeev GuptaEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Thu, 20 Apr 2023 12:03 AM (IST)

    राजधानी दिल्ली के हाट स्पाट में प्रदूषण बढ़ाने वाले मुख्य कारको के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए द्वारका जहांगीरपुरी विवेक विहार मुंडका और आनंद ...और पढ़ें

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    गर्मियों में बढऩे वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने की कवायद तेज हो गई है।

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। गर्मियों में बढऩे वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने की कवायद तेज हो गई है। सुपरसाइट से प्रदूषण के सही समय और कारको की जानकारी मिलनी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में दिल्ली के हाट स्पाट में प्रदूषण बढ़ाने वाले मुख्य कारको के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए द्वारका, जहांगीरपुरी, विवेक विहार, मुंडका और आनंद विहार में पांच मालिक्यूलर मार्कर नेटवर्क भी लगाए गए है।

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    साथ ही मोबाइल एयर क्वालिटी मानिटरिंग वैन को इन हाट स्पाट पर वास्तविक समय में प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाने के लिए वहां अलग अलग समय पर तैनात करने के निर्देश जारी किये गए है। प्रदूषण पूर्वानुमान प्राप्त होने से सरकार को नीतिगत निर्णय लेने में भी सहायता होगी।

    प्रदूषण पर अंकुश लगाने की गति को धार देने के लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में बुधवार को प्रदूषण के वास्तविक स्त्रोतों के रियल-टाइम सोर्स अपार्शन्मेंट अध्ययन को लेकर समीक्षा बैठक की गई। इस बैठक में डीपीसीसी, पर्यावरण विभाग और आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञ तथा अधिकारी मौजूद रहे।

    बैठक के बाद राय ने बताया कि रियल-टाइम सोर्स अपार्शन्मेंट अध्ययन के आंकड़ों पर विस्तार से चर्चा के लिए 15 मई को पर्यावरण बचाओ - गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। इसमें सीएक्यूएम, सीपीसीबी, सफर, यूएनईपी, आईएमडी, सीएसई, टेरी, वर्ल्ड बैंक के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा राज्यों के प्रतिनिधियों को भी बुलावा भेजा गया है।

    समीक्षा बैठक के बारें में जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री ने बताया विंटर एक्शन प्लान के हिस्से के रूप में रियल टाइम सोर्स अपार्शन्मेंट अध्ययन को शामिल किया था। इसकी शुरुआत से अब एक निश्चित समय पर प्रदूषण के वास्तविक कारणों का पता चल पा रहा है।

    ऐसा करने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य बन गया है। हर घंटे पता चल रहा है कि कहां, किस वजह से प्रदूषण है और अगले तीन दिन का घंटे के आधार पर पूर्वानुमान का भी अनुमान लगाया जा रहा है। इससे सरकार को किसी भी क्षेत्र में वाहन, उद्योग, बायोमास बर्निंग, धूल आदि की वजह से होने वाले प्रदूषण की सही जानकारी प्राप्त हो रही है और उससे लडऩे में मदद भी मिलेगी।