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    पढ़िये- एक बॉडी बिल्डर के लुटेरे बनने की कहानी, गिरफ्तारी के बाद खोले कई राज

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Thu, 06 Aug 2020 09:48 AM (IST)

    लुटेरे में से एक दीपक पेशसे बॉडी बिल्डर है। अब दिल्ली पुलिस उनके अन्य अपराधों का पता लगा रही है। ...और पढ़ें

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    पढ़िये- एक बॉडी बिल्डर के लुटेरे बनने की कहानी, गिरफ्तारी के बाद खोले कई राज

    नई दिल्ली,  जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चाकू से घायल कर कपड़ा कारोबारी से लाखों की लूट करने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने गीता कालोनी फ्लाइओवर पर वारदात को अंजाम दिया था। उनकी पहचान दीपक कुमार और संदीप कुमार के रूप में हुई है। उनके पास से लूटे गए 40 लाख रुपये सहित वारदात में प्रयुक्त स्कूटी बरामद कर ली गई है। कोरोना के कारण आरोपितों का काम बंद हो गया था। बेरोजगारी की वजह से वे लूटपाट करने लगे थे। दीपक बॉडी बिल्डर है। पुलिस उनके अन्य अपराधों का पता लगा रही है।

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    क्राइम ब्रांच के डीसीपी राकेश पांवरिया ने बताया कि गीता कालोनी निवासी विकास का चांदनी चौक में कपड़े का कारोबार है। 31 जुलाइ की शाम वे चांदनी चौक स्थित दुकान से नकदी लेकर स्कूटी से अपने घर जा रहे थे। जैसे ही वे गीता कालोनी फ्लाइओवर पर पहुंचे थे, स्कूटी से पीछा कर रहे दो बदमाशों ने उन्हें रोका और उनसे नकदी मांगी। रुपये देने से इनकार करने पर बदमाशों ने उनपर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर वे लाखों रुपये लेकर फरार हो गए थे। बाद में घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उनका इलाज चल रहा है। घटना की जानकारी मिलने पर गीता कालोनी थाने में इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं, क्राइम ब्रांच भी मामले की जांच कर रही थी।

    पुलिस अधिकारी ने बताया कि एसीपी अरविंद कुमार की टीम को पता चला कि वारदात को अशोक विहार निवासी बदमाशों ने अंजाम दिया है। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने चार अगस्त को आरोपित दीपक कुमार और संदीप कुमार को गिरफ्तार कर उनसे लूटे गए 40 लाख रुपये भी बरामद कर लिए। पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि वे शिकार की तलाश में अक्सर चांदनी चौक जाते थे। 31 जुलाई को उन्होंने चांदनी चौक में कारोबारी विकास को फोन पर रुपये ले जाने की बात करता हुआ सुना था। जिसके बाद वे उनके पीछे लग गए थे।

    गीता कॉलोनी फ्लाईओवर पर लूटपाट करने के बाद उन्होंने अपनी स्कूटी को पटपड़गंज रोड पर लगा दिया था। बाद में वे आटो से बुराड़ी चले गए थे। वहां से वे दीपक के घर जाकर लूटे हुए रुपये आपस में बांट लिए। वहीं, उन्होंने स्कूटी चोरी होने की ई-एफआइआर भी करा दी थी। दीपक बॉडी बिल्डर के अलावा पहले चालक का काम करता था। बाद में उसने कपड़े की दुकान खोली थी। लेकिन कोरोना के कारण उसकी दुकान बंद हो गई। वहीं संदीप भी छोटे-मोटे काम करता था। कोरोना के कारण वह भी बेरोजगार हो गया था।