Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विश्व पुस्तक मेल: डिजिटल युग वाला भविष्य, अब मोबाइल पर पढ़ें उपन्यास

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Tue, 10 Jan 2017 03:55 PM (IST)

    पुस्तक प्रेमियों को ई-प्लेटफार्म दे रहे ई-पब हब के लीड कंसलटेंट ऑफ डिजिटल पब्लिशिंग सोहम पटेल कहते हैं कि मोबाइल फोन पर पुस्तकें पढ़ना आसान है। ...और पढ़ें

    Hero Image
    विश्व पुस्तक मेल: डिजिटल युग वाला भविष्य, अब मोबाइल पर पढ़ें उपन्यास

    नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। अगर आप पुस्तकें पढ़ने के शौकीन हैं और व्यस्तता के चलते पढ़ नहीं पा रहे। या फिर हर समय पुस्तक साथ में लेकर चलना संभव नहीं तो अब आप मोबाइल फोन पर भी अपना शौक पूरा कर सकते हैं। जी हां, अपने पसंदीदा लेखक-लेखिका की पुस्तक अब आप कभी भी, कहीं भी पढ़ सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, 25वें विश्व पुस्तक मेले में उपलब्ध डिजिटल तकनीक भी पुस्तक प्रेमियों की कई तरह से मदद कर रही है। हाल नं-14 एवं 18 में कुछ स्टाल ऐसे भी हैं जहां पुस्तक प्रेमियों की कई समस्याओं का तकनीकी समाधान मिल रहा है। यहां उपलब्ध जानकारी के मुताबिक गूगल प्ले स्टोर में मोबाइल फोन पर पुस्तकें पढ़ने के लिए फ्री में एप उपलब्ध हैं। इस एप को डाउनलोड कर आप ऑनलाइन ई-पुस्तकें खरीद कर कभी भी, कहीं भी पढ़ सकते हैं।

    विश्व पुस्तक मेला: शब्दों के संसार में किताबों की सेल

    पुस्तक प्रेमियों को ई-प्लेटफार्म दे रहे ई-पब हब के लीड कंसलटेंट ऑफ डिजिटल पब्लिशिंग सोहम पटेल कहते हैं कि मोबाइल फोन पर पुस्तकें पढ़ना आसान है। एप डाउनलोड करने के बाद आप अपने स्मार्ट फोन की क्षमता के अनुरूप उसमें लाइब्रेरी फोल्डर तक बना सकते हैं। इस लाइब्रेरी में अनेक पुस्तकें सेव कर सकते हैं और जब समय मिले या जब चाहें, कुछ पन्ने पढ़ सकते हैं। अपनी पसंदीदा पुस्तक की हार्ड कॉपी साथ रखने की जरूरत ही नहीं है।

    ई-पब्लिशिंग से ही जुड़े अपूर्व अशर बताते हैं कि मोबाइल फोन पर पुस्तकें पढ़ना सुविधाजनक ही नहीं, सस्ता भी है। किसी भी पुस्तक की हार्ड कॉपी अगर 300 रुपये में मिल रही है तो उसका ई संस्करण 150 रुपये तक में मिल जाएगा।

    ई-पब्लिशिंग में सहायक बिक्री प्रबंधक कर्नव झावेरी बताते हैं कि ई-पब्लिशिंग केवल पाठकों के लिए ही नहीं, लेखकों और प्रकाशकों के लिए भी उतनी ही उपयोगी है। कम खर्च में आकर्षक और सुविधाजनक साहित्य उपलब्ध हो जाता है। वैसे भी भविष्य डिजिटल युग वाला ही है।