पढ़िये किस बात पर कुमार विश्वास ने लिखा कि उस किसी का नाम “कुमार विश्वास” है भाईसाहब और सही शेर कुछ यूँ है
देश के जाने-माने कवियों में शुमार है कवि कुमार विश्वास। अब तक उन्होंने सैकड़ों कविताएं लिखी है कई तो उनकी सिगनेचर कविताएं हैं जिसे लोग अक्सर गुनगुनाते रहते हैं। कवि और कविता के क्षेत्र में वो अपनी अलग ही पहचान रखते हैं।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। देश के जाने-माने कवियों में शुमार है कवि कुमार विश्वास। अब तक उन्होंने सैकड़ों कविताएं लिखी है, कई तो उनकी सिगनेचर कविताएं हैं जिसे लोग अक्सर गुनगुनाते रहते हैं। उनकी कविताएं कई बार शादी समारोहों में भी सुनने को मिल जाती हैं। छोटे से लेकर बड़े तक हर तबके के लोग उनकी कविताओं को सुनते और गुनगुनाते हैं। कवि और कविता के क्षेत्र में वो अपनी अलग ही पहचान रखते हैं। कवियों में उनकी गिनती सबसे महंगे कवियों में भी की जाती है।
उस किसी का नाम “कुमार विश्वास” है भाईसाहब और सही शेर कुछ यूँ है-😳
"धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती
रात ढलती नहीं थम जाती है,
सर्द मौसम की एक दिक्कत है
याद तक जम के बैठ जाती है...।"😂🙈🙏 https://t.co/Q789GsiCwU
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) December 28, 2021
वैसे कुमार विश्वास की बहुत सी ऐसी कविताएं भी है जो लोगों को याद है और वो गाहे-बगाहे उसे सुना भी देते हैं मगर उनको लिखने वाले का नाम नहीं पता होता। कुछ ऐसा ही कुमार के ट्विटर हैंडल पर मंगलवार को सामने आया। एक नामी पत्रकार ने अपने ट्विटर हैंडल से ठंड के मौसम को एक कविता लिखी, इस कविता से पहले उन्होंने लिखा कि किसी ने दिल्ली की सर्दी पर लिखा है, मगर वो नाम नहीं लिख पाए। उनके इस ट्वीट पर ही कुमार विश्वास ने जवाब देते हुए लिखा कि उस किसी का नाम कुमार विश्वास है भाई साहब। इसी के साथ उन्होंने उनकी पोस्ट की गई कविता में भी कुछ सुधार किया। उन्होंने अपनी लिखी सही कविता भी साथ ही पोस्ट की।
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है, धरती की बेचैनी को तो सिर्फ बादल समझता है। कुमार की ये कविता देश दुनिया में प्रसिद्ध है। हर कवि प्रेमी ने इस कविता को कभी न कभी किसी न किसी अंदाज में सुना जरूर होगा। सभी को ये पसंद आती है।
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