अब खुलेगा गैंगस्टर की Girl Friend का हर राज, तिहाड़ जेल में Boy Friend से करती थी 'डेट'
मामले का खुलासा होते ही जेल महानिदेशक ने फौरन उच्चस्तरीय जांच के लिए कमेटी बना दी है। इतना ही नहीं जांच कमेटी ने तत्काल इस मामले में पड़ताल भी शुरू कर दी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। देश ही नहीं, बल्कि एशिया की सबसे सुरक्षित जेलों में शुमार तिहाड़ जेल में बंद अपने प्रेमी कैदी से चालाकी दिखाकर 4 बार मुलाकात करने वाली प्रेमिका को लेकर अब नया मोड़ आ गया है। दरअसल, मामले का खुलासा होते ही जेल महानिदेशक ने फौरन उच्चस्तरीय जांच के लिए कमेटी बना दी है। इतना ही नहीं, जांच कमेटी ने तत्काल इस मामले में पड़ताल भी शुरू कर दी है। तिहाड़ के उप-महानिरीक्षक (जेल) राजेश चोपड़ा को कमेटी का प्रमुख बनाया गया है। जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने कमेटी गठन की पुष्टि की है।
बैरक नंबर 2 में बंद प्रेमी से चार बार मिली प्रेमिका
जांच कमेटी यह पता करेगी कि जेल नंबर-2 में आखिर कैसे एक प्रेमिका जेल में तैनात कर्मचारियों को चकमा देकर उससे मुलाकात करने पहुंच जाती है। ऐसा एक बार नहीं, बल्कि कई बार हुआ। मिली जानकारी के मुताबिक, एक शातिर महिला खुद को एनजीओ की कार्यकर्ता बताकर अपने ब्यॉयफ्रेंड से मिलने जेल के अंदर चली गई। ऐसा उसने एक नहीं चार बार किया। इतना ही नहीं, प्रेमिका ने अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ चार बार की मुलाकात में पांच घंटे तक समय बिताए। जेल में बंद इस युवक का नाम हेमंत है। हत्या के मामले में हेमंत तिहाड़ जेल की बैरक नंबर 2 में बंद है। फिलहाल तिहाड़ जेल प्रशासन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
शनिवार को नियम तोड़कर भी करती थी मुलाकात
महिला जेल की ड्यौढ़ी में स्थित कार्यालय में कई बार और मुलाकात के दौरान कई-कई घंटे रही। यहां तक कि शनिवार के दिन आमतौर पर जेल में कैदी से किसी की मुलाकात संभव नहीं होती, उस दिन भी यह महिला डयौढी पहुंची और कैदी से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, एक दिन डयौढ़ी में जेल संख्या दो के ही एक अधिकारी की नजर इस महिला पर पड़ गई। जब उस अधिकारी ने इसके बारे में पता किया तो कर्मचारियों ने कहा कि महिला के पास अंदर आने की बाकायदा अनुमति है।
आखिर कहां से मिली थी प्रेमिका को इतनी छूट
यह भी कर्मचारियों ने उस अधिकारी को बताया कि यह इसके पहले भी जेल आ चुकी है। इसके बाद अधिकारी ने इस संबंध में जेल की रजिस्टर पर महिला से जुड़ी बातें लिखीं, जिसके बाद यह मामला जेल मुख्यालय पहुंचा। सूत्रों का कहना है कि जेल अधीक्षक द्वारा महिला के नाम से जारी किए गए पास में उसे एक स्वयंसेवी संस्था से जुड़ी कार्यकर्ता बताया गया है, लेकिन एक कार्यकर्ता पर एक के बाद एक मेहरबानी किसी की समझ में नहीं आ रही है।
सामने आई दिल्ली पुलिस की लापरवाही
तिहाड़ जेल में प्रेमिका अपनी पहचान छिपाकर 4 बार अपने कैदी ब्वॉयफ्रेंड से मिलने में इसलिए कामयाब हो गई, क्योंकि महिला ने खुद को एक एनजीओ का सदस्य बताया था। वहीं, एनजीओ का सदस्य बताने के कारण जेल प्रशासन ने उसकी रजिस्टर में एंट्री तक नहीं की। जाहिर है कि जेल प्रशासन ने महिला के रिकॉर्ड्स को चेक नहीं किया।
4 दिन में मुलाकात के दौरान बिताए 5 घंटे
बताया जा रहा है कि एनजीओ की सदस्य बताने के चलते यहां पर जेल प्रशासन ने जेल में बंद कैदी की इस प्रेमिका पर कोई संदेह नहीं किया। यही वजह है कि प्रेमिका ने 4 दिनों के दौरान हुई मुलाकात में 5 घंटे तिहाड़ जेल के अंदर अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ बिताए और जेल प्रशासन बेखबर रहा।
मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिये आई थी कैदी के संपर्क में
जानकारी के मुताबिक, हत्या के मामले में जेल में बंद इस युवक से महिला की जान-पहचान एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिये हुई थी। अपने प्रोफाइल में कैदी ने खुद को तिहाड़ जेल का कर्मचारी बताया था। इसके बाद जब यह कैदी पैरोल पर 26 दिन के लिए जेल से बाहर आया तो महिला से इसकी मुलाकात हुई। महिला और इस युवक की मुलाकात इस दौरान एक नहीं कई बार हुई और दोनों एक-दूसरे के काफी करीब आ गए।
शादीशुदा और एक बच्चे की मां है महिला
जेल प्रशासन को चकमा देकर अपने ब्वॉयफ्रेंड से मिलने वाली यह महिला हेमंत से शादी करना चाहती है। बताया जा रहा है कि हेमंत भी शादी के लिए राजी है। वहीं, महिला पहले से शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है।
दोनों करना चाहते हैं शादी
यह भी जानकारी सामने आई है कि जेल में बंद कैदी हेमंत ने जेल परिसर में मौजूद इंडियन बैंक (Indian Bank) की शाखा में एक खाता भी खुलवाया है। इस बैंक अकाउंट में नॉमिनी के तौर पर हेमंत ने इस महिला का नाम दिया है। यह बात इसकी ओर इशारा करती है कि दोनों शादी करना चाहते हैं। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि सूत्रों की मानें तो कैदी ने अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर जेल परिसर स्थित एक बैंक की शाखा में महिला का खाता भी खुलवा दिया और नॉमिनी के तौर पर उसने खुद अपना नाम लिखवाया।
मामला क्यों है ज्यादा संवेदनशील
जिस जेल संख्या दो के बारे में ये बातें सामने आई है वहां छोटा राजन, शहाबुद्दीन, गैंगस्टर नीरज बवानिया, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जैसे कैदी हैं। यहां की सुरक्षा पर तिहाड़ में सबसे अधिक जोर दिया जाता है। बावजूद इस जेल में एक महिला का इस कदर आना-जाना जेल की व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान है।