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जोया खान का सच जान UP पुलिस हैरान, NIA भी उलझी; कहीं पाकिस्तान से लिंक तो नहीं

जोया के रौब के आगे पस्त नोएडा गाजियाबाद सहारनपुर और मेरठ समेत कई जिलों की पुलिस जोया को असली IFS अधिकारी समझकर वीआइपी सुविधाएं प्रदान करती रही।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 06:47 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 08:04 AM (IST)
जोया खान का सच जान UP पुलिस हैरान, NIA भी उलझी; कहीं पाकिस्तान से लिंक तो नहीं
जोया खान का सच जान UP पुलिस हैरान, NIA भी उलझी; कहीं पाकिस्तान से लिंक तो नहीं

नई दिल्ली/नोएडा, जेएनएन। फर्जी भारतीय विदेश सेवा (Indian Foreign Service) की फर्जी अधिकारी बनकर उत्तर प्रदेश के छह से अधिक जिलों के पुलिस अधिकारियों को पिछले तीन साल से रौब गांठ रही जोया को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। फर्जी अधिकारी बनकर जोया कुछ इस अंदाज में पुलिस अफसरों-कर्मचारियों से पेश आती थी कि कई जिलों की पुलिस इस फर्जी अफसर को सैल्यूट तो करती थी। ताज्जुब तो इस बात का है कि किसी को शक नहीं और कुछ को शक हुआ तो उसने यह जहमत नहीं उठाई कि वह जोया की सच्चाई जाने।

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यही वजह थी कि जोया के रौब के आगे पस्त नोएडा, गाजियाबाद, सहारनपुर और मेरठ समेत कई जिलों की पुलिस जोया खान को असली IFS अधिकारी समझकर वीआइपी सुविधाएं प्रदान करती रही। अब पुलिस ने यह खुलासा भी कर दिया है कि आखिर कैसे वह फर्जी अफसर बनकर अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकती रही। महिला आइएफएस बताकर करीब तीन साल से मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद सहित कई जिलों के पुलिस अधिकारियों को धोखा देकर वीआईपी सुविधा ले रही थी। वह लग्जरी गाड़ी से सफर करती थी और उसके साथ ही सरकारी गनर व एस्कॉर्ट चलती थी।

कहीं पाकिस्तान से तो नहीं कनेक्शन

जोया की गिरफ्तारी की बात सामने आते ही एनआइए भी सक्रिय हो गई और उसने नोएडा में जाकर जोया से पूछताछ की है। जोया के लैपटॉप की जांच से यह तो पता चला है कि उसका अफगानिस्तान से रिश्ता है, लेकिन किस तरह का?यह जांच की जा रही है। वहीं, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि कहीं जोया का कनेक्शन पाकिस्तान से तो नहीं है?

जोया बनना चाहती थी पीसीएस अफसर

पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि निशांत और जोया खान दोनों ने ग्रेजुएशन के बाद 2007 में पीसीएस की परीक्षा दी थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। अधिकारी बनने की सनक जोया पर इस कदर तारी थी कि उसने निशांत के साथ मिलकर फर्जी अफसर बनने की पूरी साजिश ही रच डाली। यह साजिश तीन साल तक काम भी करती रही। जाहिर है अपने फर्जी होने के अधिकारी को लेकर इन्होंने साइबर अपराध का सहारा लेते हुए फर्जी कागजात बनवाए, जिससे समय पड़ने पर वह इनसे रौब झाड़ सके। पड़ताल में यह जानकारी भी मिली है कि जोया और निशांत ने अपने मोबाइल में कई एप डाउनलोड किए थे, जिससे वह फोन पर बातचीत करती थी। वाइस चेंजिंग और मोबाइल स्क्रीन पर सीयूजी नंबर दर्शाकर अधिकारियों से बात करती थी।

ऐसे खुली जोया की पोल

नोएडा पुलिस के मुताबिक, वीआइपी सुविधाएं नहीं मिलने पर जोया एसएसपी वैभव कृष्ण पर ही भड़क गई, लेकिन जिस तरह वह एसएसपी के साथ पेश आई, उससे शक बढ़ गया। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी और इस कड़ी में एसएसपी आदेश पर नोएडा पुलिस जोया खान के फ्लैट पर पहुंची। फ्लैट में मौजूद जोया ने शुरुआत में पुलिस पर हावी होने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने जब फ्लैट में तलाशी लेनी शुरू की तो सारी पोल खुल गई।

नोएडा के फ्लैट से बरामद कई चीजें संदिग्ध

पुलिस ने जोया खान को गिरफ्तार कर लिया। फ्लैट से एपल के 4 लैपटॉप समेत अन्य सामान को पुलिस ने कब्जे में लिया। नोएडा पुलिस ने मंगलवार रात मेरठ में छापा मारकर जोया खान के घर से दो लग्जरी गाड़ी बरामद की हैं।

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