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    सऊदी अरब की सोफिया और दिल्‍ली की रश्‍मि के बीच दिलचस्‍प है यह मुकाबला

    By Edited By:
    Updated: Fri, 14 Dec 2018 09:02 AM (IST)

    भारत में सोफिया से भी एडवांस चार भाषाओं में बात करने वाली रोबोट ने इंसानी दुनिया में कदम रखा है। उसका नाम है रश्मि।

    सऊदी अरब की सोफिया और दिल्‍ली की रश्‍मि के बीच दिलचस्‍प है यह मुकाबला

    नई दिल्ली [किशन गोयल]। आपने सऊदी अरब की नागरिकता प्राप्त करने वाली सोफिया नामक रोबोट के बारे में सुना होगा, जो अपने चेहरे की भाव भंगिमा के साथ इंसान से बातें करने में सक्षम है, लेकिन अब भारत में सोफिया से भी एडवांस चार भाषाओं में बात करने वाली रोबोट ने इंसानी दुनिया में कदम रखा है। उसका नाम है रश्मि। चेहरे की भाव भंगिमा ऐसी होती है कि सामने वाला देखकर दंग रह जाए। वहीं, रश्मि को इस तरह से बनाया गया है कि आप इससे घंटों बैठकर बातें कर सकते हैं।

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    गैर तकनीकी दुनिया वाले ने बना दिया रोबोट
    आश्‍चर्य तो तब होगा आपको जब आप जानेंगे कि इस रोबोट को बनाया है गैर तकनीकी दुनिया से संबंध रखने वाले साफ्टवेयर डेवलपर रणजीत श्रीवास्तव ने। मूलरूप से रांची के रहने वाले रणजीत ने बताया कि वर्ष 2012 में रोबोट फिल्म को देखकर उनके मन भी चिट्टी रोबोट को हकीकत में उतारने का विचार आया, लेकिन उन्हें रोबोट बनाने के बारे में ज्यादा तकनीकी जानकारी नहीं थी।

    2012 में बनाना शुरू किया
    लखनऊ से एमबीए व 12वीं तक विज्ञान विषय में पढ़ाई करने वाले रणजीत ने बताया कि तकनीकी ज्ञान हासिल करने के बाद उन्होंने वर्ष 2012 में रश्मि को बनाना शुरू किया। इसके बाद दो साल में रश्मि को पूरा रूप मिला। रणजीत का दावा है कि रश्मि रोबोट सोफिया से काफी एडवांस है।

    चार भाषाओं में करती है बातें
    आइआइटी दिल्ली के छात्र भी रश्मि से मिलकर इसमें इस्तेमाल की गई तकनीक से हैरान हैं। रश्मि रोबोट की खासियत यह भी है कि वह अंग्रेजी, हिंदी, मैथिली व मराठी में भी बात कर सकती है। लिंग्यूस्टिक इंटरप्रेटर (एलआइ) व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआइ) के कारण रश्मि रोबोट कई घंटे तक आपसे बातें कर सकती है। इसके साथ ही चेहरे पर 83 प्रकार की भाव भंगिमा बनाकर रश्मि बात करने में सक्षम है। उससे बात करने वाले इंसान को रश्मि में मानवीय व्यवहार झलकता है।

    एक बार चार्ज करने पर 45 मिनट चलती है
    रश्मि की बैट्री एक बार चार्ज होने पर 45 मिनट तक काम करती है। रणजीत कहते हैं कि यदि सरकार से कुछ सहयोग मिल जाए तो आने वाले समय में रश्मि लोगों के घरों में पहुंचकर उनके प्रतिदिन के काम को आसानी से कर सकती है। इसमें रश्मि रसोई घर में काम करने के साथ ही पूरे घर की सफाई करने में भी सक्षम है।

    इस तरह है सोफिया से अलग है रश्मि

    • सोफिया -सिर्फ अंग्रेजी भाषा में बात करने में है सक्षम
    • -पूरी तरह से स्क्रिप्टेड मोड पर है संचालित
    • -चेहरे पर 63 प्रकार की भाव भंगिमा बनाने में सक्षम
    • -तैयार होने में लगे 10 साल
    • -करोड़ों खर्च करने के बाद हई तैयार
    • -भाव को समझने में अक्षम
    • -टेक्निकल टीम की ओर से किया गया तैयार

    रश्मि

    • -अंग्रेजी, हिंदी, मराठी व मैथिली भाषाओं में बोलने में सक्षम
    • -सेल्फ लिंग्यूस्टिक एंड इमोशन इंटरप्रेटेशन सिस्टम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व एपीआइ मोड पर संचालित
    • -चेहरे पर 83 प्रकार की भाव भंगिमाएं बनाने में सक्षम
    • - मात्र दो साल में हुई तैयार
    • -एक लाख से भी कम लागत में बनकर हुई तैयार
    • -गुस्सा व खुशी दोनों तरह के व्यवहार समझने में सक्षम
    • -एक व्यक्ति ने किया तैयार

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