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दिल्ली में भी रैपिड रेल कॉरिडोर का काम पकड़ेगा रफ्तार, केजरीवाल सरकार ने जारी की पहली किस्‍त

अभी तक पैसेंजर ट्रेन की रफ्तार से चल रहा दिल्ली मेरठ रैपिड रेल कोरीडोर का काम अब दिल्ली में भी एक्सप्रेस ट्रेन की गति से रफ्तार पकड़ेगा। सैद्धांतिक मंजूरी देने के बाद दिल्ली सरकार ने इसके लिए 265 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी है। ऐसे में एनसीआर परिवहन निगम ने दिल्ली में डिजाइ¨नग और मै¨पग का काम शुरू कर दिया है चार से पांच माह में टेंडर भी निकाल दिए जाएंगे।

By Edited By: Published: Mon, 10 Jun 2019 08:38 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 03:32 PM (IST)
दिल्ली में भी रैपिड रेल कॉरिडोर का काम पकड़ेगा रफ्तार, केजरीवाल सरकार ने जारी की पहली किस्‍त
दिल्ली में भी रैपिड रेल कॉरिडोर का काम पकड़ेगा रफ्तार, केजरीवाल सरकार ने जारी की पहली किस्‍त

नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर का काम अब दिल्ली में भी रफ्तार पकड़ेगा। सैद्धांतिक मंजूरी देने के बाद दिल्ली सरकार ने इसके लिए 265 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी है। ऐसे में एनसीआर परिवहन निगम ने दिल्ली में डिजाइनिंग और मैपिंग का काम शुरू कर दिया है, चार से पांच माह में टेंडर भी निकाल दिए जाएंगे। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से तो 90 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर के लिए पिछले साल ही बजट की पहली किस्त जारी हो गई थी।

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यूपी में काफी आगे बढ़ चुका है काम
इसलिए उत्तर प्रदेश में परियोजना पर काम भी काफी आगे बढ़ चुका है। शुरुआती साढ़े 10 किलोमीटर के लिए टेंडर तक निकाल दिया गया है। वहीं दिल्ली में दिल्ली सरकार की स्वीकृति न मिल पाने के कारण मामला लटक रहा था। दरअसल, दिल्ली सरकार परियोजना के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति देने को तो तैयार थी, लेकिन बजट नहीं।

हरित कर की मद से जारी हुई पहली किस्‍त
नई जानकारी के मुताबिक लंबी रस्साकशी के बाद ही सही,दिल्ली सरकार ने इस परियोजना को सैद्धांतिक स्वीकृति भी दे दी है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हरित कर की मद में जमा फंड से पहली किस्त 265 करोड़ रुपये भी जारी कर दी है।

चरणबद्ध तरीके से देनी है राशि
मालूम हो कि दिल्ली सरकार का हिस्सा इस परियोजना में 1180 करोड़ रुपये का है। चूंकि यह राशि भी चरणबद्ध रूप में देनी है और सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आगे से अपने बजट में इसके लिए राशि आवंटन रखने के निर्देश भी दे दिए हैं तो एनसीआर परिवहन निगम को इस दिशा में अब कोई अड़चन आती दिखाई नहीं दे रही है। मालूम हो कि इस परियोजना में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी छह हजार करोड़ और उत्तर प्रदेश सरकार की हिस्सेदारी पांच हजार करोड़ की है। 20 हजार करोड का ऋण भी लिया जाना है।

2025 तक तैयार होगा कॉरिडोर
परियोजना साढ़े पांच से छह वर्ष में क्रियान्वित होगी। मार्च 2023 में दक्षिणी मेरठ से साहिबाबाद तक के कॉरिडोर पर परिचालन शुरू होगा, जबकि मार्च 2025 में यह कॉरिडोर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। दिल्ली में इसके तीन स्टेशन सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार होंगे। इसके बन जाने पर दिल्ली से मेरठ तक की दूरी महज 60 मिनट में पूरी की जा सकेगी।

जानें कैसा होगा स्‍ट्रक्‍चर
90 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर 18 स्टेशन होंगे। 30 किलोमीटर का ट्रैक भूमिगत जबकि 60 किलोमीटर एलिवेटेड बनाया जाएगा।

जल्‍द जारी होंगे टेंडर
दिल्ली सरकार द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी देने के बाद अभी दिल्ली में इस कॉरिडोर के लिए डिजाइनिंग और मैपिंग का काम चल रहा है। इसके बाद यूटीलिटी शिफ्टिंग और सड़क के चौड़ीकरण का काम शुरू होगा। अगले कुछ ही माह में टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।
सुधीर शर्मा, महाप्रबंधक, एनसीआर परिवहन निगम

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