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राव इंद्रजीत सिंह ने ली अंग्रेजी में शपथ, लगातार दूसरी बार मिली मोदी कैबिनेट में जगह

दिल्ली से सटे हरियाणा की गुड़गांव लोकसभा सीट से सांसद राव इंद्रजीत भी मोदी सरकार में फिर से मंत्री बनाए गए हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 06:43 PM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 08:01 PM (IST)
राव इंद्रजीत सिंह ने ली अंग्रेजी में शपथ, लगातार दूसरी बार मिली मोदी कैबिनेट में जगह
राव इंद्रजीत सिंह ने ली अंग्रेजी में शपथ, लगातार दूसरी बार मिली मोदी कैबिनेट में जगह

 गुरुग्राम, जेएनएन। दिल्ली से सटे हरियाणा की गुड़गांव लोकसभा सीट से सांसद राव इंद्रजीत भी मोदी सरकार में फिर से मंत्री बनाए गए हैं। बृहस्पतिवार को उन्होंने राज्यमंत्री (स्वतंत्र  प्रभार) के रूप में शपथ ली। राव ने अंग्रेजी में पद और गोपनीयता की शपथ ली। इससे पहले 2014 में जीत मिलने के बाद मोदी मंत्रिमंडल में इन्हें जगह मिली थी।

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गुड़गांव संसदीय सीट से लगातार तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाने वाले राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा के बड़े नेता हैं। वे कांग्रेस में रहने हुए केंद्र में मंत्री रहे। लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा के टिकट पर उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की थी। इस बार उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार कैप्टन अजय सिंह यादव को 3,86,256 मतों से हरा गुड़गांव सीट से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की।

कैप्टन के अलावा अन्य 22 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। वे वर्ष 2009 में अस्तिव में आई गुड़गांव सीट से तीसरी बार जीत दर्ज की है। इसके पहले गुड़गांव महेंद्रगढ़ सीट का हिस्सा था वहां से भी राव दो बार सांसद रह चुके हैं।

कौन हैं राव इंद्रजीत सिंह
भाजपा नेता राव इंद्रजीत सिंह का जन्म हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रामपुरा में 11 फरवरी 1951 को हुआ था। उन्होंने बीए. एलएलबी की शिक्षा ग्रहण की है। हरियाणा की राजनीति में राव एक जाना-पहचाना चेहरा हैं।

राव इंद्रजीत का राजनीतिक सफर 
राव इंद्रजीत सिंह वर्ष 1977 में जाटूसाना से पहली बार विधायक चुने गए, इसके बाद भी तीन बार विधायक रहे और प्रदेश में मंत्री भी बने। 1998 में पहली बार महेंद्रगढ़ से सांसद चुने गए, साल भर बाद उपचुनाव में शिकस्त मिली। 2000 में फिर से महेंद्रगढ़ सीट से जीते। इसके बाद 2004 में फिर से जीत मिली। यूपीए-1 की सरकार में केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री और फिर रक्षा राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली।

2009 में गुड़गांव लोकसभा सीट अस्तित्व में आई, कांग्रेस के टिकट पर लड़े बसपा उम्मीदवार को हराया और केंद्र में मंत्री बनें। 2014 तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मतभेद बढ़े। मंत्री पद से इस्तीफे के बाद इंसाफ मंच का गठन किया और बाद में भाजपा के टिकट पर लड़े और सांसद बनकर केंद्र में मंत्री बने। 2019 में पांचवीं बार सांसद बने हैं। इस बार फिर उन्हें मंत्री बनाया जा रहा है।

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