बदरपुर विधानसभा सीट से इस बार भिड़ेंगे नए चेहरे, दिलचस्प होगा मुकाबला; जानें अब तक कौन कब जीता
Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 बदरपुर विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा के रामवीर सिंह बिधूड़ी चुनावी मैदान में नहीं होंगे। आप ने रामसिंह नेताजी को फिर से प्रत्याशी बनाया है। भाजपा को मजबूत प्रत्याशी उतारना होगा। 1993 में हुए पहले चुनाव में बिधूड़ी ने जनता दल के प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी। 1998 में रामसिंह नेताजी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी।

शनि पाथौली, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र की बदरपुर विधानसभा सीट (Badarpur Assembly Seat) पर पहली बार ऐसा होगा कि यहां भाजपा के कद्दावर नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी चुनावी मैदान में नहीं होंगे। इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से बिधूड़ी और आप के राम सिंह नेताजी के बीच ही मुकाबला रहा है।
यहां हुए कुल सात चुनावों में से रामवीर सिंह बिधूड़ी (Ramvir Singh Bidhuri) ने चार और रामसिंह नेताजी (Ram singh Netaji) ने दो बार जीत का स्वाद चखा। इस बार यहां मुकाबला दिलचस्प होने होने जा रहा है। आप ने बदरपुर से रामसिंह नेताजी को प्रत्याशी बनाया है।
जबकि भाजपा की तरफ से प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है। यहां से विधायक रहे बिधूड़ी के दक्षिणी दिल्ली सीट से सांसद बनने के बाद भाजपा को मजबूत प्रत्याशी की दरकार होगी।
पिछले विधानसभा चुनाव में दक्षिणी दिल्ली की 10 से नौ सीटों पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी जीते थे। भाजपा के खाते में बदरपुर सीट आई थी। यहां से रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आप के रामसिंह नेता जी को हराकर बाजी मारी थी।
इस बार परिस्थितियां अलग हो गई हैं। आप ने फिर से रामसिंह नेताजी पर भरोसा जताया है। ऐसे में भाजपा को मजबूत प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारना होगा।
1993 में जनता दल से प्रत्याशी बनकर जीते थे बिधूड़ी
\Bबदरपुर विधानसभा सीट पर 1993 में हुए पहले चुनाव में रामवीर सिंह बिधूड़ी ने जनता दल के प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी। उस समय दूसरे नंबर पर रामसिंह नेताजी रहे थे। वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। भाजपा के प्रत्याशी लज्जा राम तीसरे नंबर पर रहे थे।
1998 में निर्दलीय जीते थे रामसिंह नेताजी
बदरपुर सीट पर 1998 में हुए दूसरे चुनाव में रामसिंह नेताजी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी। उन्हें 45.50 फीसदी वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रामवीर सिंह बिधूड़ी रहे थे। तब वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। भाजपा के सूरजभान तीसरे नंबर पर रहे थे।
2013 में पहली बार भाजपा का खाता खुला
इस सीट पर पहले तीन चुनाव में तीसरे नंबर पर रहने वाली भाजपा का खाता पहली बार 2013 में खुला। भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह बिधूड़ी ने रामसिंह नेताजी को हराया था। बिधूड़ी को 34.23 फीसदी वोट मिले थे। जबकि आम आदमी पार्टी नारायण दत्त शर्मा चौथे नंबर पर रहे थे।
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