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    रामलीला: स्वादों के मेले में मनमाने दाम बिगाड़ रहे जायका, लालकिला मैदान में व्यंजनों के दाम दो गुने

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 04:30 AM (IST)

    दिल्ली के लाल किले में रामलीला के दौरान पुरानी दिल्ली के व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए हैं। यहाँ खाने-पीने की चीजों के दाम बहुत ज़्यादा हैं जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। रामलीला देखने आए लोगों को परिवार के साथ समय बिताने के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। समितियों का कहना है कि कैटरिंग वाले एसी हॉल बनाने अन्य खर्चों के कारण दाम ज्यादा रखते हैं।

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    रामलीला : स्वादों के मेले में मनमाने दाम बिगाड़ रहे जायका।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लालकिले की रामलीलाओं में पुरानी दिल्ली के स्वाद का अद्भुत संसार है। जहां लोग परिवार के साथ उस स्वाद का लुत्फ उठा रहे हैं, लेकिन व्यंजनों के महंगे दाम उसका जायका बिगाड़ दे रहे हैं। यहीं नहीं, बोतलबंद पानी और आइस्क्रीम भी तय अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से डेढ़ गुने दाम पर मिल रहे हैं।

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    लवकुश रामलीला समिति, श्री धार्मिक लीला कमेटी तथा श्री धार्मिक में बड़े-बड़े वातानुकूलित (एसी) फूडकोर्ट स्थापित किए गए हैं, जिसमें एक साथ 200 से 400 लोग पुरानी दिल्ली के स्वाद का लुत्फ उठा रहे हैं। इन फूड कोर्ट के साथ ही खुले में भी कई चाट, भटूरे, चाउमीन, आइसक्रीम समेत अन्य की दुकानें हैं। वहां भी दर सामान्य दुकानों के मुकाबले डेढ़ से दो गुना अधिक है।

    स्थिति यह कि लालकिला की रामलीलाओं के एक फूड कोर्ट में रामलीला थाली 350 रुपये, सरसो का साग मक्का रोटी 300 रुपये का, जबकि अमृतसरी कुलचा 350 रुपये का है। चीला 200 रुपये तो भल्ला पपड़ी और आलू टिक्की 150-150 रुपये प्लेट की मिल रही है। इसी तरह, पनीर टिक्की 200 रुपये और काठी कबाब रुमाली का प्लेट 300 रुपये का है। चाउमीन 150 तो वेज पास्ता 200 रुपये का है। मटर कुलचा 100 रुपये प्लेट तो छोले कचौड़ी भी 100 रुपये का है।

    पानी के स्टाल बाहर लगे हुए हैं, जहां एक लीटर पानी की बोतल 20 की जगह 30 रुपये में मिल रही है। इसके चलते रामलीला देखने के साथ परिवार के साथ समय बिताने की चाहत में लोगों को अधिक जेब ढीली करनी पड़ जा रही है।

    फूड कोर्ट में परिवार के साथ चांदनी चौक के स्वाद का आनन्द ले रहे अमन गर्ग ने बताया कि यहां दाम डेढ़ से दो गुना अधिक है। यह मेला है, इसलिए परिवार के साथ आए हैं। अन्यथा यहां आने से बचते।

    वहीं एक रामलीला समिति के पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फूड कोर्ट के लिए कैटरिंग वालों को स्थान नि:शुल्क दिया जाता है। जबकि, कैटरिंग वाले अस्थाई एसी हाल तैयार करने से लेकर अन्य खर्च करते हैं। इसलिए दर अधिक है।