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    Raksha Bandhan 2021: भाई-बहन की कारोबारी जोड़ी ने साथ मिलकर लिखी सफलता की कहानी

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Sun, 22 Aug 2021 07:28 AM (IST)

    कारोबार जगत में विश्वसनीयता काफी मायने रखती है वरना जोड़ियों के बिखरने और असफलता का सामना करने में देर नहीं लगती। भाई और बहन की कारोबारी जोड़ी में आपसी विश्वास सबसे अहम भूमिका निभाती है। विपरीत परिस्थिति एवं प्रतिकूल माहौल में भी वे साथ मिलकर चुनौतियों का सामना करते हैं।

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    जब प्‍यार बन जाता है प्रोफेशन की सफलता का आधार...

    नई दिल्ली, अंशु सिंह। बंगाल के सिलीगुड़ी के एक मध्यवर्गीय परिवार से आने वाले आदित्य, खुशबू एवं सोनल ने कभी सोचा था कि वे कुछ अपना करेंगे। लेकिन साथ में बिजनेस करेंगे,यह खयाल नहीं था। 2012 में इन्होंने बेंगलुरु में ‘कैंपस सूत्र’ नाम से स्टार्टअप लांच किया,जो कस्टम मर्चेंडाइज में डील करता है। पुणे की शिविका एवं शिवांग सूद की मां बेहद स्वादिष्ट खीर बनाती थीं। एक दिन दोनों के मन में आया कि क्यों न इसे बिजनेस माडल में विकसित किया जाए और फिर शुरुआत हुई ‘ला खीर देली’ की। आज इनके पुणे में करीब छह स्टोर हैं। एक केंद्रीय रसोई है,जहां मां की निगरानी में खीर एवं अन्य मीठे व्यंजन तैयार किए जाते हैं।

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    दिल्ली की आरुषि एवं अक्षय ने भी 2015 में ‘फिटपास’कंपनी की स्थापना की थी, जो आज देश के 17 से अधिक शहरों में अपनी सेवाएं दे रहा है। इनके प्लेटफार्म से लोग घर बैठे जिम या फिटनेस सेंटर से जुड़ सकते हैं। एप की मदद से न्यूट्रिशनिस्ट एवं अन्य विशेषज्ञों से परामर्श कर सकते हैं। कंपनी की सह-संस्थापक आरुषि वर्मा बताती हैं, ‘हम दोनों फिटनेस पसंद रहे हैं। लेकिन जब हमने महसूस किया कि आम मध्यवर्गीय परिवारों के बजट में जिम या फिटनेस स्टूडियो की सेवाएं लेना आसान नहीं है। तब हमने स्थानीय जिम संचालकों से बात की और एक नई शुरुआत हुई। मेरे ऊपर कोई घरेलू जिम्मेदारी नहीं थी। इसलिए नौकरी करते हुए जो 8-10 लाख रुपये की बचत हुई थी, उसे स्टार्टअप में लगा दिया। शुरुआत में सिर्फ पांच लोगों की टीम थी। टेक्नोलाजी को संभालने की जिम्मेदारी भाई अक्षय ने संभाल ली थी। मैंने आपरेशन देखा। हमने खर्चे को सीमित रखा और एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते हुए आगे बढ़ते रहे।'

    उद्देश्य के साथ, मिलकर कर रहे कारोबार

    बेंगलुरु के विनय करीब दस वर्षों से एफएमसीजी क्षेत्र में कार्यरत थे। एक दिन ट्रेकिंग के दौरान उन्हें पश्चिमी घाट इलाके के स्वादिष्ट व्यंजन चखने को मिले। उनके मन में विचार आया कि एक कारीगर इतनी मेहनत से स्वाद वाली मिठाई बना रहा है, लेकिन वह शहरों या बड़े बाजार तक क्यों नहीं पहुंच पा रही? इसके बाद 2018 में उन्होंने ‘गो देसी’ नाम से स्टार्टअप की नींव रखी, जिसमें उनकी पार्टनर बनीं बहन रक्षा। विनय बताते हैं,‘शुरुआत के तीन महीने मैंने अकेले काम किया। लेकिन जब टीम बनाने का समय आया, तो रक्षा में एक विश्वसनीय पार्टनर दिखाई दिया। उनमें काफी परिपक्वता है।

    इसके अलावा, हम दोनों की अपनी-अपनी विशेषताएं भी हैं। मेरे पास जहां सेल्स,डिस्ट्रीब्यूशन एवं मार्केटिंग का अनुभव रहा है, वहीं रक्षा को सामाजिक एवं ग्रामीण क्षेत्र में कार्य की बेहतर समझ एवं जानकारी है। वह जानती हैं कि ग्रामीण समुदाय या स्वयं सहायता समूह के साथ कैसे काम किया जाता है। ऐसे में हम दोनों ने साथ मिलकर देश के ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे कस्बों के कारीगरों को प्रोत्साहित करने एवं उनकी बनाई मिठाइयों, नमकीन आदि को शहरी वर्ग तक पहुंचाने का निर्णय लिया।‘ रक्षा की मानें, तो अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत होने के बावजूद बिजनेस करने का हमारा उद्देश्य एक था। आज ये देश के 22 राज्यों में आठ हजार से अधिक आउटलेट्स पर मिठाइयां पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा,आनलाइन डिलिवरी भी की जाती है। इन्होंने कर्नाटक के ग्रामीण इलाके में दो यूनिट स्थापित किए हैं,जहां 150 के करीब स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिला है। वे स्वच्छता एवं गुणवत्ता का खयाल रखते हुए मिठाइयों, इमली, नींबू की कैंडीज इत्यादि की पैकेजिंग आदि करती हैं।

    इनोवेशन से लगाव के कारण साथ में हुई शुरुआत

    दिल्ली के अर्णव किशोर एवं आयुषि किशोर दोनों को इनोवेशन करना पसंद है। अर्णव को लगता है कि उनकी बहन आयुषि तत्काल निर्णय लेने में सक्षम हैं और काफी दृढ़ निश्चयी भी। किसी भी बिजनेस के लिए ये दोनों गुण बहुत कारगर होते हैं। दूसरी ओर, आयुषि मानती हैं कि उनके भाई अच्छी तरह जांचने-पऱखने के बाद अंतिम निर्णय तक पहुंचते हैं। इसलिए 2015 में पढ़ाई पूरी करने के बाद ही दोनों ने ‘फायर बोल्ट’ नाम से कंपनी लांच कर दी। यह शुद्ध देसी वियरेबल, गेमिंग एवं आडियो ब्रांड है जो कई प्रकार के आडियो, फिटनेस एवं फैशन प्रोडक्ट्स तैयार करता है। आयुषि बताती हैं, भाई-बहन होने के नाते हम दोनों के अनुभव एवं चुनौतियां समान रही हैं। हम दोनों एक-दूसरे की जिम्मेदारियों को साझा करते हैं। हमें एहसास था कि देश में आडियो एवं वियरेबल स्पेस अधिक विकसित नहीं है, जबकि उसके विकास की अच्छी संभावनाएं हैं। इसके बाद ही हमने कंपनी शुरू की। बीते वर्षों में ढेरों प्रोडक्ट्स (स्मार्टवाच, ब्लूटूथ ईयरफोन्स, ट्रू वायरलेस ईयरबड्स, ब्लूटूथ स्पीकर्स आदि लांच किए हैं। आज देश के 750 से अधिक शहरों में हमारी उपस्थिति है। अमेजन पर हमारे स्मार्टवाच की अच्छी मांग है।

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