Delhi Assembly Session: विधानसभा अध्यक्ष के पास कभी भी सदन की बैठक बुलाने की शक्ति- राखी बिड़ला
दिल्ली विधानसभा द्वारा सोमवार को बुलाए गए एक दिवसीय विशेष सत्र को लेकर एलजी वीके सक्सेना द्वारा आपत्ति उठाए जाने पर स्पीकर रामनिवास गोयल की अनुपस्थिति में सदन का संचालन कर रही विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला ने पूरी स्थिति स्पष्ट की।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली विधानसभा द्वारा सोमवार को बुलाए गए एक दिवसीय विशेष सत्र को लेकर एलजी वीके सक्सेना द्वारा आपत्ति उठाए जाने पर स्पीकर रामनिवास गोयल की अनुपस्थिति में सदन का संचालन कर रही विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला ने पूरी स्थिति स्पष्ट की।
उन्होंने कहा, मैं सदन का सूचित करना चाहती हूं कि विधानसभा सचिवालय को 15 अप्रैल को विधि विभाग के माध्यम से यह सत्र बुलाने का कैबिनेट निर्णय प्राप्त हुआ। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। चूंकि 29 मार्च 2023 को अनिश्चित काल के लिए स्थगित किए गए चौथे सत्र के सत्रावसान की कोई सिफारिश नहीं की गई थी।
इसीलिए अध्यक्ष ने दिल्ली विधानसभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों के नियम 17 (2) के अनुसार चौथे सत्र का दूसरा भाग बुलाया है। तदनुसार सदस्यों को समन जारी किया गया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों के नियम 17 के तहत विधानसभा अध्यक्ष के पास सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित किए जाने के बाद किसी भी समय सदन की बैठक बुलाने की शक्ति है। हालांकि प्रचलित संसदीय परंपराओं के अनुसार अध्यक्ष केवल मंत्रिमंडल की सिफारिश पर ही सदन की बैठक बुलाते हैं। लोकसभा सहित सभी विधानसभाओं में यही परंपरा है।
इससे पहले विधानसभा के विशेष सत्र बुलाने पर भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताई। भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने विधानसभा में एक दिवसीय सदन बुलाने का मुददा उठाते हुए कहा कि यह एक दिवसीय विशेष सदन किन नियमों के तहत बुलाया गया है। इस बारे में स्थिति स्पष्ट की जाए। यहां बता दें कि सत्र बुलाने को लेकर विधानसभा उपाध्यक्ष और भाजपा विधायकों में नोकझोंक भी हुई।
भाजपा के विजेंद्र गुप्ता और अजय महावर का कहना था कि आप सरकार विधानसभा सत्र में कभी भी दिल्ली के मुददों पर चर्चा नहीं कराती बल्कि अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए इसका इस्तेमाल करती है।
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