Kisan Andolan: राकेश टिकैत बोले अब यूपी समेत देश के इन राज्यों में जाकर किसानों के बीच अपनी बात रखेगी किसान यूनियन, जानें कहां से करेंगे शुरूआत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 8 महीने आंदोलन करने के बाद मोर्चा ने फैसला किया है कि वो उत्तराखंड उत्तर प्रदेश पंजाब और पूरे देश में जाकर किसानों के बीच में अपनी बात रखेंगे और सरकार की नीति व काम को लेकर बात करेंगे।
नई दिल्ली, एएनआइ। Kisan Andolan: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तीन सीमाओं पर दिए जा रहे धरना प्रदर्शन को अब 8 माह से अधिक का समय हो चुका है। किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालकर जिस तरह से उत्पात मचाया वो किसी से छिपा नहीं है। इसके बाद भी किसानों और केंद्र सरकार ने कई दौर की बातचीत हो चुकी है मगर उन बातों का कोई सर्वमान्य हल नहीं निकला। अब एक बार फिर से केंद्र सरकार और किसानों के बीच बातचीत के जरिए इसका हल निकालने की बात हो रही है। केंद्र सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है मगर किसान निमंंत्रण का इंतजार कर रहे हैं।
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 8 महीने आंदोलन करने के बाद संयुक्त मोर्चा ने फैसला किया है कि वो उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और पूरे देश में जाकर किसानों के बीच में अपनी बात रखेंगे और सरकार की नीति व काम को लेकर बात करेंगे। इसके लिए 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में बड़ी पंचायत का आयोजन होगा उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।
किसान नेता राकेश टिकैत समय-समय पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते रहते हैं और अपने अंदाज में धमकाते भी रहते हैं। नई धमकी के तहत कुछ दिन पहले उन्होंने कहा कि किसान संसद से किसानों ने गूंगी -बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे। राकेश टिकैत ने अपने ट्विटर हैंडल से ये लाइनें ट्वीट की हैं। मालूम हो कि संसद के मानसून सत्र के दौरान किसान संसद के पास जंतर मंतर पर अपनी किसान संसद चला रहे हैं।
किसानों ने पहले ही ये ऐलान किया था कि वो मानसून सत्र के दौरान संसद के बाहर तक जाएंगे वहां अपना प्रदर्शन करेंगे उसके बाद वापस आ जाएंगे। मगर दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। फिर किसानों को जंतर मंतर तक सीमित संख्या में जाने की इजाजत दी गई। वो भी पुलिस की निगरानी में। अब सिंघु बार्डर से रोजाना 200 किसान जंतर मंतर पहुंच रहे हैं। सोमवार को महिलाओं ने संसद संभाली, इसी बीच राकेश टिकैत ने पूरे देश के किसानों के पास जाकर उनको सरकार के कामों के बारे में बताए जाने की बात भी कह दी है।
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