Raju Shrivastav: क्यों बिना चीर- फाड़ के राजू श्रीवास्तव का हुआ पोस्टमार्टम, डाक्टरों ने बताई वजह
राजू श्रीवास्तव जिस समय एम्स में भर्ती हुए थे उस समय वह होश में नहीं थे। इसलिए उनका पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम आधुनिक वर्चुअल तकनीक से किया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस तकनीक में किसी भी तरह की चीर-फाड़ की जरूरत नहीं होती है।

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। कामेडियन राजू श्रीवास्तव का एम्स में 42 दिन तक चले इलाज के बाद बुधवार को निधन हो गया। उन्होंने सुबह 10.20 पर अंतिम सांस ली। राजू 58 वर्ष के थे। उन्हें 10 अगस्त की सुबह ट्रेडमिल पर दौड़ते समय हार्ट अटैक आने पर एम्स में भर्ती कराया गया था। यहां कार्डियोलाजी विभाग के डा. नीतीश नायक की देखरेख में उनकी एंजियोप्लास्टी कर स्टंट डाला गया था। इसके बाद से ही वह एम्स में वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहे थे। डाक्टर के अनुसार पहले ही दिन से राजू बेहोश थे। उनका शरीर प्रतिक्रिया नहीं कर रहा था। अचानक हुए हार्ट अटैक से राजू का मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो गया था। मस्तिष्क क्षतिग्रस्त होने की वजह से उसमें खून का प्रवाह दोबारा शुरू नहीं हो सका। इस वजह से उनकी हालत ठीक नहीं हुई बिगडती चली गई। इसी की वजह से उनका निधन हुआ। राजू श्रीवास्तव के भतीजे मृदुल ने बताया कि बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे राजू का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर किया जाएगा।
निधन के बाद हुआ वर्चुअल पोस्टमार्टम
राजू श्रीवास्तव जिस समय एम्स में भर्ती हुए थे उस समय वह होश में नहीं थे। इसलिए उनका पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम आधुनिक वर्चुअल तकनीक से किया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस तकनीक में किसी भी तरह की चीर-फाड़ की जरूरत नहीं होती है। इसलिए पोस्टमार्टम में यह देखा गया कि उनके शरीर पर कोई चोट के निशान तो नहीं थे। पोस्टमार्टम के बाद एम्स के फारेंसिक साइंस विभाग के अध्यक्ष डा. सुधीर गुप्ता ने बताया कि राजू श्रीवास्तव के शरीर पर किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं मिले। उन्होंने कहा कि उनके हाथों पर केवल इंजेक्शन के निशान मिले जो 42 दिनों तक चले इलाज के कारण थे।
क्या है पोस्टमार्टम की नई तकनीक
डा.सुधीर गुप्ता ने बताया कि नई तकनीक में मृतक के शरीर को सबसे पहले एक रैंप पर लिटाया जाता है। उसके बाद उसका पूरे शरीर का सिटी स्कैन किया जाता है। इस स्कैन में शरीर का वह हिस्सा भी दिख जाता है जो पुराने पोस्टमार्टम के तकनीक में नहीं दिख पाता है। इस पूरी प्रक्रिया को लाइव देखा जा सकता है औऱ जितनी बार चाहे पोस्टमार्टम का अध्ययन किया जा सकता है। इस तकनीक की आवश्यकता इसलिए पडी क्योंकि अधिकतर मृतकों को परिजन चीर-फाड़ की वजह से पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते हैं। इसलिए एम्स नई दिल्ली में दक्षिण एशिया की पहली वर्चुअल फारेंसिक लैब खोली गई है। इसमें 10 करोड़ का खर्च हुआ है। इस तकनीक से काफी कम समय में पोस्टमार्टम हो जाता है।
निधन पर पीएम मोदी सहित कई लोगों ने जताया दुख
राजू श्रीवास्तव के निधन पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया। मोदी ने लिखा कि राजू श्रीवास्तव ने हास्य और सकारात्मकता के साथ हमारे जीवन को रोशन किया। वह हमें बहुत जल्द छोड़ गए। लेकिन, वह वर्षों तक अपने समृद्ध काम की बदौलत अनगिनत लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे। उनका निधन दुखद है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। शांति।
मनोज तिवारी ने जारी किया वीडियो, जताया दुख
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने वीडियो संदेश जारी कर दुख जताते हुए कहा कि दुनिया को हंसाने वाले, जन-जन के चहेते राजू श्रीवास्तव का निधन दुखद है। वह काफी दिनों से जीवन व मौत से जूझ रहे थे। बहुत कोशिशें की गईं लेकिन हम उन्हें बचा नहीं सके। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे।
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