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    'देश जैसा चाहता है, वैसा ही होगा...', पहलगाम अटैक को लेकर राजनाथ सिंह का बड़ा बयान

    Updated: Sun, 04 May 2025 11:54 PM (IST)

    भारत मंडपम में आयोजित सांस्कृतिक महोत्सव के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि देश इस प्रकार की कायराना हरकतों को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा और जैसा देश चाहता है वैसा ही किया जाएगा। बता दें 22 अप्रैल को पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ था जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी।

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    राजनाथ सिंह ने दोहराई बदला लेने की बात।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारत मंडपम में आयोजित संस्कृति जागरण महोत्सव में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह पाकिस्तान की कायराना हरकत है और देश इस हमले को कभी नहीं भूलेगा।

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    उन्होंने कहा, "जैसा देश चाहता है, वैसा ही जवाब दिया जाएगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में जोखिम उठाने की क्षमता है और वे जानते हैं कि कब और कैसे निर्णय लेना है।"

    गौरतलब है कि इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के वीर जवानों पर हमले का बदला लेने की बात कही थी। अब रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी इस बात की पुष्टि करती है कि भारत जल्द ही बड़ा कदम उठाने जा रहा है।

    संत देश की संस्कृति को बचाने के लिए कर रहे महान काम: राजनाथ

    कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने देश की सांस्कृतिक विरासत और सनातन धर्म की महत्ता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि संत सुधांशु जी महाराज जैसे तपस्वी संत इस देश की संस्कृति को संरक्षित करने का महान कार्य कर रहे हैं। उन्होंने समाज को जीने की सही प्रेरणा दी है, जो आज के तनावपूर्ण युग में अत्यंत आवश्यक है।

    राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी तकनीकी युग में भी सत्संग और पूजा-पाठ की ओर आकर्षित हो रही है, जो अत्यंत सकारात्मक संकेत है। उन्होंने साधु-संतों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, “जिस प्रकार सैनिक राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा करते हैं, उसी प्रकार साधु-संत संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत की रक्षा करते हैं।”

    देश तपस्या करना भी जानता है और तलवार चलाना भी: राजनाथ

    उन्होंने भारत को वीरों की भूमि बताते हुए कहा, "यह देश तपस्या करना भी जानता है और आवश्यकता पड़ने पर तलवार चलाना भी। हमारे साधु-संतों ने समय-समय पर योद्धाओं की तरह देश और धर्म की रक्षा की है।"