By Jagran NewsEdited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 02 Jul 2025 09:11 AM (IST)
दिल्ली नगर निगम ने मानसून से पहले 394 पार्कों में वर्षा जल संचयन प्रणालियों की सफाई और मरम्मत की है। इसका उद्देश्य जलभराव रोकना और भूजल स्तर बढ़ाना है। निष्क्रिय बोरवेल को पुनर्जीवित किया जा रहा है। नई रेन वाटर यूनिट लगाने की भी योजना है। स्थानीय सामग्री का उपयोग कर कम लागत में प्राकृतिक फिल्टर बनाए गए हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में नगर निगम ने मानसून आने पर जल संरक्षण को गति देने के लिए शहर के अलग-अलग जोनों में स्थित 394 पार्कों में वर्षा जल संचयन प्रणालियों की सफाई व मरम्मत का काम पूरा कर लिया है। यह सतही जलभराव को रोकने के साथ ही गिरते भूजल स्तर को भी संजीवनी देने का काम करेगा। इससे पार्कों में जलभराव की दिक्कत भी घटेगी।
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अधिकारियों का दावा है कि निगम ने 115 नई रेन वाटर यूनिट लगाने का भी खाका तैयार कर लिया है। योजना यह है कि जहां भी निष्क्रिय बोरवेल हैं, उन्हें इसी मॉडल पर दोबारा चालू किया जाए। अभियान की खासियत यह रही कि पार्कों में वर्षों से बंद पड़े बोरवेल को दोबारा जीवित कर उपयोग में लाने का प्रयास किया जा रहा है। बोरवेल के भीतर छिद्रयुक्त पाइप डाला गया है।
इसके चारों ओर गड्ढा खोद कर छोटे-बड़े कंकड़ की परत बिछाई गई। पाइप को जियोटेक्सटाइल कपड़े से लपेटा गया है, ताकि मिट्टी और कचरा जमा न हो। पार्क की जमीन को हल्की ढलान देकर बरसाती पानी को उसी गड्ढे की ओर मोड़ा गया है, जिससे सतही जल सीधे पाइप के जरिये धरती में उतरे।
एमसीडी के उद्यान विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हर सिस्टम सिर्फ 15 से 25 हजार रुपये में तैयार हुआ। लागत कम रखने के लिए स्थानीय और पर्यावरण अनुकूल सामग्री ली गई। बड़े फिल्टर या पक्के स्ट्रक्चर नहीं, बल्कि सरल डिजाइन व कंकड़-बजरी का उपयोग कर पार्कों में कुदरती फिल्टर बनाया गया है।
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