बारिश के पानी के संचयन को लेकर स्वामी दयानंद अस्पताल ने उठाया बड़ा कदम, तीन और टैंक का काम शुरू
नए टैंकों के तैयार होने के बाद यह क्षमता बढ़कर 2.9 लाख लीटर हो जाएगी। निगम अधिकारियों ने बताया कि पहले से तैयार 12 टैंक में सात में बोरिंग की गई थी। लेकिन अब बिना बोरिंग के ही टैंक तैयार किए जा रहे हैं।

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। वर्षा जल संचयन को लेकर स्वामी दयानंद अस्पताल ने गंभीरता से काम शुरू कर दिया है। यहां तीन नए वर्षा जल संचयन टैंक का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। प्रत्येक टैंक की क्षमता करीब 30 हजार लीटर होगी। इस तरह से अस्पताल परिसर में कुल 15 टैंक हो जाएंगे, जिनकी मदद से बारिश के पानी संचयन किया जाएगा। जो कि भूजल स्तर को कम होने से रोकने में सहायक साबित होगा। अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डा. रजनी खेडवाल ने बताया कि अभियांत्रिकी विभाग इस पर तेजी से काम रहा है। कुछ ही दिनों में ये तीनों बनकर तैयार हो जाएंगे।
मानसून में ये काम करने लगेंगे। निगम अधिकारियों ने बताया कि 2018 तक अस्पताल में पांच टैंक संचालित हो रहे थे। इसके बाद यहां तैनात कनिष्ठ अभियंता अभिषेक पांडेय की देखरेख में सात नए टैंक बनाए गए। अब तीन और पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए खोदाई के साथ चिनाई शुरू कर दी गई है। प्रत्येक टैंक पर करीब एक से सवा लाख रुपये की लागत आएगी।
मौजूदा टैंकों की बात करें तो इनकी क्षमता दो लाख लीटर की है। नए टैंकों के तैयार होने के बाद यह क्षमता बढ़कर 2.9 लाख लीटर हो जाएगी। निगम अधिकारियों ने बताया कि पहले से तैयार 12 टैंक में सात में बोरिंग की गई थी। लेकिन अब बिना बोरिंग के ही टैंक तैयार किए जा रहे हैं।
दरअसल, बोरिंग से पानी गहरे भूतल में जाता है लेकिन इसमें यह ध्यान रखना पड़ता है कि पानी छन कर पहुंचे। अगर गंदा पानी चला जाए तो भूजल के दूषित होने का खतरा रहता है। इसलिए अब बिना बोरिंग के ही टैंक बनाए जा रहे हैं। इससे भूमि की परत पर ही पानी छन जाता है। इसे ऐसी जगह बनाया जाता है जहां पर ढलान हो और पानी सीधे पहुंच सके।
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