Indian Railway News:दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे का बड़ा फैसला, अधिकारी फील्ड में जाकर ट्रैक की करेंगे निगरानी
Indian Railway Newsछत्तीसगढ़ में शिवनाथ एक्सप्रेस का एक कोच पटरी से उतर गया था। कई मालगाड़ियों के बेपटरी होने की घटनाएं भी सामने आई है। अधिकारियों का कहना है कि मानवीय या तकनीकी कमियों की वजह से दुर्घटनाएं होती है जिसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाया जा रहा है।

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। Indian Railway News:हाल के दिनों में हुई रेल दुर्घटनाओं से रेलवे बोर्ड की चिंता बढ़ गई है। भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मंडल से लेकर बोर्ड के अधिकारी अपने कार्यालय से निकलकर फील्ड में जाएंगे। रेल पटरी, सिग्नल प्रणाली व पुल की स्थिति और इंजन, ट्रेन व मालगाड़ियों के रखरखाव की व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। किसी तरह की कमी को समय रहते दूर किया जाएगा।इसके लिए एक माह का विशेष संरक्षा अभियान चलाने का फैसला किया गया है। अभियान के नाम पर सिर्फ खानापूरी न हो इसका ध्यान रखा जाएगा। प्रत्येक क्षेत्रीय रेलवे को एक माह में अभियान के परिणाम पर रिपोर्ट बनाकर रेलवे बोर्ड को देने का निर्देश दिया गया है।
कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र में पैसेंजर व मालगाड़ी के बीच टक्कर हो गई थी। छत्तीसगढ़ में शिवनाथ एक्सप्रेस का एक कोच पटरी से उतर गया था। कई मालगाड़ियों के बेपटरी होने की घटनाएं भी सामने आई है। अधिकारियों का कहना है कि मानवीय या तकनीकी कमियों की वजह से दुर्घटनाएं होती है जिसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाया जा रहा है।
संवेदनशील स्थानों की होगी पहचान
अधिकारियों को नियमित रूप से, खासकर रात में पटरियों का निरीक्षण करने को कहा गया है। दुर्घटना के लिहाज से संवेदनशील स्थानों की पहचान कर उनकी विशेष निगरानी की जाएगी। रेल कर्मियों को रेलवे ट्रैक और रेलवे यार्ड की गहन जांच पड़ताल कर किसी तरह की खराबी को तत्काल दूर करना होगा। नदी के आसपास के क्षेत्र, पुल, घुमावदार ट्रैक व रेलवे क्रासिंग की निगरानी बढ़ेगी जिससे वहां पर किसी भी तरह की खामी को समय रहते ठीक किया जा सके।
कोच के रखरखाव पर दिया जाएगा ध्यान
यार्ड में कोच व वैगन के रखरखाव के तौर-तरीके में भी सुधार किया जाएगा। कई बार जल्दबाजी में कोच को बारीकी से जांच किए बगैर ट्रेन में जोड़ दिया जाता है। इस तरह की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं होगी। सुरक्षित रेल परिचालन के लिए संबंधित विभागों के बीच सामंजस्य जरूरी है, इसलिए इस अभियान में ट्रैफिक, इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, सिग्नल और संरक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी व निरीक्षक शामिल होंगे। परिचालन से जुड़े अधिकारियों को औचक निरीक्षण करने को कहा गया है जिससे कि कमियों पर किसी तरह की लीपापोती न हो सके।
वरिष्ठ अधिकारी करेंगे निरीक्षण
सभी मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) भी संरक्षा अभियान में शामिल होंगे। उन्हें सबसे पहले अपने मंडल के व्यस्त रेलखंडों का निरीक्षण कर कमियों को दूर करने को कहा गया है। क्षेत्रीय रेलवे का एक अधिकारी प्रतिदिन निरीक्षण में शामिल होगा। इसी तरह से बोर्ड का एक अधिकारी किसी न किसी मंडल में जाएगा।
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