यमुना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए निजी कंपनियों से धन जुटाने की योजना बना रही दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार यमुना नदी को साफ करने के लिए निजी क्षेत्र से मदद मांग रही है। दिल्ली जल बोर्ड ने कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत धन जुटाने की ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, जागरण. नई दिल्ली: दिल्ली सरकार प्रदूषित यमुना नदी को पुनर्जीवित करने के अपने मिशन का समर्थन करने के लिए काॅरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) पहल के माध्यम से धन इकट्ठा करने की योजना बना रही है।
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने नदी में गिरने वाले प्रमुख खुले नालों के किनारे स्थापित किए जाने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित किया है।
नालों पर मॉड्यूलर और विकेंद्रित एसटीपी स्थापित किए जाएंगे
अधिकारियों के अनुसार पारंपरिक एसटीपी के बजाय, जिसके लिए बड़ी जगह और निवेश की आवश्यकता होती है, नालों पर मॉड्यूलर और विकेंद्रित एसटीपी स्थापित किए जाएंगे, जिसमें कंपनियां निवेश कर सकती हैं और ब्रांडिंग का मौका पा सकती हैं।
डीजेबी कॉरपोरेट संस्थाओं से आवश्यकता के अनुसार पहचाने गए खुले नालों पर ऐसे एसटीपी की स्थापना में भागीदारी करने की प्रतिबद्धता चाहता है।
कंपनियां प्लांट लगाने को विक्रेता चुन सीधा भुगतान करेंगी
वर्तमान में डीजेबी के पास 37 एसटीपी हैं, जिनका संचालन और रखरखाव बड़े पैमाने पर निजी कंपनियों द्वारा किया जाता है, जिन्हें सरकार अनुबंध के अनुसार भुगतान करती है।
नई योजना के तहत कंपनियां प्लांट लगाने के लिए एक विक्रेता का चयन करेंगी और उन्हें सीधे भुगतान करेंगी। मॉड्यूलर एसटीपी आकार में छोटे होते हैं और इन्हें नदी को प्रदूषित करने वाले नाले के बहाव या नाले की लंबाई के साथ भागों में व्यवस्थित किया जा सकता है।
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