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जगन्नाथ मंदिर की मंगल आरती में शामिल हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, दिल्ली में निकाली गईं भव्य रथ यात्राएं

दिल्ली में जगन्नाथ मंदिर में मंगल आरती में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल हुईं। मुर्मु ने संपदा स्थित कल्याण केंद्र और अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट में बच्चों के साथ समय बिताया। वहीं दिल्ली में रथ यात्रा के उपलक्ष्य में कई मंदिरों व संस्थानों द्वारा रथ यात्राएं निकाली गईं।

By Rajneesh kumar pandeyEdited By: Shyamji TiwariPublished: Tue, 20 Jun 2023 08:33 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2023 08:33 PM (IST)
जगन्नाथ मंदिर में मंगल आरती में शामिल हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

दक्षिणी दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में मंगलवार को महाप्रभु श्री जगन्नाथ की 56वीं रथ यात्रा के उपलक्ष्य में कई मंदिरों व संस्थानों द्वारा रथ यात्राएं निकाली गईं। इनमें से हौज खास गांव रोड स्थित श्री नीलाचला सेवा संघ के श्री जगन्नाथ मंदिर और त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर द्वारा निकाली गई रथ यात्राएं काफी भव्य रहीं।

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मंगल आरती में शामिल हुईं मुर्मु

हौज खास स्थित मंदिर में मंगल आरती में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु शामिल हुईं। मुर्मु ने संपदा स्थित कल्याण केंद्र और अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट में बच्चों के साथ समय बिताया और उनसे बातचीत की। वहीं 'छेरी पन्हारा' अनुष्ठान के तहत दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने राजा बनकर रथ के सामने झाड़ू लगाया। वहीं त्यागराज नगर स्थित मंदिर में ऑयल इंडिया लिमिटेड के पूर्व निदेशक सुधाकर महापात्र ने झाड़ू लगाने के अनुष्ठान को निभाया।

यहां कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, विधायक मदन लाल, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार, कस्तूरबा नगर की निगम पार्षद कुसुमलता ने प्रतिभाग किया। बता दें कि मंदिर में उत्सव की शुरुआत सुबह 4.30 बजे चार देवताओं अर्थात् महाप्रभु जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा और श्री सुदर्शन की मंगल आरती के साथ हुई।

महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा को 'पहांडी बीज' (पवित्र जुलूस) नामक विशेष अनुष्ठान से जोड़ा गया है, जो सुबह 11 बजे शुरू हुआ। इस अनुष्ठान के तहत चारों देवताओं को झूला झुलाते हुए मंदिर से बाहर लाकर दोपहर 12 बजे तक रथ पर स्थापित कर दिया गया। इसके बाद 'छेरी पन्हारा' अनुष्ठान के तहत रथ के सामने राजा द्वारा झाड़ू लगाया गया। गौरतलब है कि इस अनुष्ठान का उद्देश्य यह बताना होता है कि ब्रह्मांड के स्वामी महाप्रभु जगन्नाथ के सामने चाहे राजा हो या रंक, हर कोई समान है।

करीब तीन बजे से शुरू हुई रथयात्रा

इसके बाद दोपहर करीब तीन बजे से शुरू हुई रथ यात्रा के दौरान रथ को खींचने में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। त्यागराज नगर से निकली रथ यात्रा शांतिपूर्वक श्री जगन्नाथ मार्ग (बड़ा डंडा), आईएनए मार्केट, कश्मीर मार्केट, आईएनए मेट्रो स्टेशन, राज्यसभा कर्मचारी आवासीय परिसर से होकर गुजरी और मौसी मां मंदिर वापस लौटी जो विशेष रूप से त्यागराज नगर मंदिर परिसर के अंदर बनाया गया था। यात्रा मंदिर के महासचिव केडी बिस्वाल की निगरानी, उपाध्यक्ष डीएन साहू, प्रद्युम्न पलाई और प्रणति बिस्वाल के सहयोग से संपन्न हुई।


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