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Preservation Of Wetlands: धरती पर जीवन के लिए वेटलैंड का संरक्षण है जरूरी

जल संरक्षण लोगों के जीवन और आजीविका के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए वेटलैंड का भी पुरजोर तरीके से संरक्षण किया जाना चाहिए। वेटलैंड इंटरनेशनल साउथ एशिया के रजत जयंती समारोह के मौके पर कुछ इसी प्रकार के विचार व्यक्त किए गए।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghPublished: Fri, 30 Sep 2022 03:28 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 03:28 PM (IST)
Preservation Of Wetlands: धरती पर जीवन के लिए वेटलैंड का संरक्षण है जरूरी
धरती पर जीवन के लिए वेटलैंड का संरक्षण है जरूरी

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। जल संरक्षण लोगों के जीवन और आजीविका के लिए बेहद जरूरी है, इसलिए वेटलैंड का भी पुरजोर तरीके से संरक्षण किया जाना चाहिए। वेटलैंड इंटरनेशनल साउथ एशिया के रजत जयंती समारोह के मौके पर कुछ इसी प्रकार के विचार व्यक्त किए गए।

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दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि विदेश और शिक्षा राज्यमंत्री डा. राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता के अपने 75वें वर्ष में भारत ने 75 आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल के रूप में नामित किया है जो कि एशिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है।

मंत्रालय ने किया राज्य सरकारों का समर्थन

उन्होंने 1986 से प्राथमिकता वाली आर्द्रभूमियों के लिए प्रबंधन योजनाओं को लागू करने में राज्य सरकारों का समर्थन करने के लिए पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सराहना की, जिसमें अब तक 250 से अधिक आर्द्रभूमि शामिल हैं।

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आर्द्रभूमि भी एक अनूठी सांस्कृतिक विरासत

उन्होंने लोकतक वेटलैंड को मणिपुर के लोगों के लिए 'इमा' या मां के रूप में सम्मानित किए जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी आर्द्रभूमि भी एक अनूठी सांस्कृतिक विरासत है। वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ इंडिया के निदेशक डा. रितेश कुमार ने आर्द्रभूमि प्रबंधन को विकेन्द्रीकृत करने पर जोर दिया।

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इस मौके पर अध्यक्ष डा सिद्धार्थ कौल ने कहा कि आर्द्रभूमि संरक्षण के लिए स्मार्ट उपयोग के प्रयासों को तत्काल बढ़ाने की आवश्यकता है।


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