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    जेएनयू में विवादित डाक्यूमेंट्री की हुई स्क्रीनिंग, प्रशासन ने नहीं दी थी अनुमति

    By Pradeep ChauhanEdited By:
    Updated: Sat, 04 Dec 2021 10:56 PM (IST)

    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआइ) परिसर में राम के नाम डाक्यूमेंट्री की शनिवार रात स्क्रीनिंग करना चाहता था। जेएनयू प्रशासन को ...और पढ़ें

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    परिसर में डाक्यूमेंट्री प्रसारण से संबंधी पम्पलेट बांटे गए हैं।

    नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में है। वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआइ) परिसर में 'राम के नाम' डाक्यूमेंट्री की शनिवार रात स्क्रीनिंग करना चाहता था। जेएनयू प्रशासन को भनक लगी तो तत्काल कार्यक्रम पर रोक लगा दी। प्रशासन ने परिसर का साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़नेे का हवाला भी दिया, लेकिन एसएफआइ सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। शनिवार रात विवादित डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र मौजूद थे। जेएनयू प्रशासन अब आयोजकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।

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    दरअसल, एसएफआइ ने शुक्रवार को परिसर में एक पंपलेट बंटवाया। जिसमें लिखा था कि शनिवार को स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर टेफलास में डाक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। जेएनयू प्रशासन ने शनिवार दोपहर एक बयान जारी किया। कुलसचिव ने कहा कि हमें पता चला है कि छात्रों का एक समूह परिसर में राम के नाम डाक्यमेंट्री की स्क्रीनिंग करेगा। छात्रों ने इस तरह के किसी भी कार्यक्रम की पूर्वसूचना जेएनयू प्रशासन को नहीं दी है ना ही इस तरह के आयोजन की किसी को अनुमति दी जाएगी।

    इस तरह की गतिविधियों से परिसर का सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। छात्रों को यह सलाह दी जाती है कि इस तरह का कार्यक्रम तत्काल रद कर दें। बावजूद इसके यदि छात्र कार्यक्रम आयोजित करते हैं तो जेएनयू अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। जेएनयू प्रशासन ने अन्य छात्रों से अपील की है कि पंपलेट देख उत्तेजित ना हो।

    छात्र संगठन नेे नहीं मानी बात

    तय स्थल पर जेएनयू छात्रसंघ और एसएफआइ के सदस्य बड़ी संख्या में पहुंचे। आयशी घोष ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि को डाक्यूमेंट्री यू सर्टिफिकेट मिला हुआ है। इसलिए इसे देखने से रोकने का सवाल ही नहीं उठता। बाद में फिल्म की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान जेएनयू सुरक्षाकर्मी छात्रों को लगातार समझाते रहे कि फिल्म स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं है, छात्रावास में चलें जाएं, लेकिन छात्रों पर कोई असर नहीं हुआ।