Delhi News: राजघाट के एकता स्थल पर प्रणब मुखर्जी को ढूंढते हैं लोग, फिर लौट जाते हैं मायूस होकर
Former Indian President Pranab Mukherjee राजघाट पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की समाधि नहीं होने से लोग निराश होकर लौट रहे हैं। बंगाल से आने वाले ऐसे लोगों की संख्या अधिक है। ज्यादातर लोग एकता स्थल पर उन्हें ढूंढते हैं जहां चार पूर्व राष्ट्रपतियों और तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों की समाधि है। प्रणब मुखर्जी का 31 अगस्त 2020 को निधन हो गया था।

वीके शुक्ला, नई दिल्ली। राजघाट समाधि एरिया में पहुंचकर लोग पूछते हैं कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की समाधि कहां पर है। बंगाल से आने वाले ऐसे लोगों की संख्या अधिक है। ज्यादातर लोग एकता स्थल पर इन्हें ढूंढते हैं। यहां पर चार पूर्व राष्ट्रपतियों और तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों की समाधि है।
लोगों को जब पता चलता है कि प्रणब मुखर्जी की राजघाट पर समाधि नहीं है तो वे मायूस होते हैं। पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी का 31 अगस्त 2020 को निधन हो गया था।
इन पूर्व राष्ट्रपतियों और पीएम की हैं समाधि
एकता स्थल पर पूर्व राष्ट्रपतियों में ज्ञानी जैल सिंह, शंकर दयाल शर्मा, के.आर. नारायणन और आर. वेंकटरमण तथा पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, आई.के. गुजराल और पी.वी. नरसिम्हा राव की समाधि हैं। यहां पर दो लोगों के लिए स्थान अभी खाली है।
देश की राजधानी दिल्ली में विभिन्न राज्यों के लोग आते हैं और यहां आकर अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित चीजों को देखते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय मामलों पर भी अपना ध्यान केंद्रित करते हैं।
देश के हर कोने से लोग पहुंचते हैं समाधि स्थल
राजघाट समाधि स्थल एरिया की बात करें तो विभिन्न राज्यों के बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं और अगर उनके राज्य से संबंधित किसी बड़े नेता की समाधि या स्मारक यहां है तो वहां वह जाने का प्रयास करते हैं और अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं। ऐसे लोगों की संख्या काफी रहती है जो बसों में एक साथ यात्रा करते हुए यहां पहुंचते हैं ।
ऐेसे लोग खासकर एकता स्थल पर भी पहुंचते हैं, जहां पर देश के अन्य अन्य क्षेत्रों से रहे सात नेताओं की एक स्थान पर समाधि हैं। इन्हें देखने के लिए जब विभिन्न राज्यों से लोग पहुंचते हैं, यहां पहुंचने वाले खासकर बंगाल के लोग राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखजी की समाधि के बारे में पूछते हैं।
क्या कहते हैं राजघाट के कर्मचारी
राजघाट समाधि एरिया में काम करने वाले कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों की मानें तो बहुत से लोग यहां पर पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी की समाधि के बारे में आकर पूछते हैं और यह जानकारी देना चाहते हैं कि उनकी समाधि कहां पर बनी हुई है।
कोरोना के समय हुआ था देहांत
यहां आप को बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी का देहांत 31 अगस्त 2020 को कोरोना के समय दिल्ली में ही हो गया था, उनका अंतिम संस्कार लोधी रोड शवदाह गृह पर किया गया था। शुरुआत में राजघाट पर उनकी समाधि बनाए जाने की बात भी हुई थी, मगर बाद में ऐसा नहीं हो सका।
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