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केजरीवाल के बेंगलुरु से आने के स्वागत में लगे पोस्टर, बताया 'नौटंकी का उस्ताद'

पोस्टर में केजरीवाल को 'टीपू सुल्तान के उत्तराधिकारी, जलील-ए-इलाही, सोफा-ए-शहंशाह और धरने के बादशाह लिखा गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 03:27 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 10:39 PM (IST)
केजरीवाल के बेंगलुरु से आने के स्वागत में लगे पोस्टर, बताया 'नौटंकी का उस्ताद'

नई दिल्ली (जेएनएन)। बेंगलुरु से स्वास्थ्य लाभ लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक-दो दिन बाद लौटने वाले हैं, लेकिन विपक्ष ने अभी से उन पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के बागी विधायक कपिल मिश्रा के साथ भाजपा-अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रोचक पोस्टर लगवाए हैं। इन पोस्टरों में अरविंद केजरीवाल को 'धरने के बादशाह' के तौर पर पेश किया गया है।  

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इस पोस्टर में लिखा है- 'सावधान... दिल्ली को लूटने के लिए बेंगलुरु से वापस आ रहे हैं।' इसी के साथ इन पोस्टरों में इसी महीने अरविंद केजरीवाल के तीन मंत्रियों संग उपराज्यपाल के आवास पर धरने संबंधी फोटो को लगाकर- 'टीपू सुल्तान के उत्तराधिकारी, जलील-ए-इलाही, सोफा-ए-शहंशाह, धरने के बादशाह और आखिर में उस्ताद-ए-नौटंकी।' भी लिखा गया है।

इससे पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर में लगातार नौ दिन तक अपने सहयोगी मंत्रियों के साथ धरना देकर चर्चा में आए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भाजपा-अकाली गठबंधन से विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में एक रोचक पोस्टर लगवाए थे वह भी ठीक केजरीवाल के बेंगलुरु जाने से पहले। 

दिल्ली के विभिन्न इलाकों में लगे पोस्टरों पर लिखा था- '9 दिन नौटंकी कंपनी (प्रा) लि. नौटंकी और खलल डालने के लिए संपर्क करें।' इतना ही नहीं, पोस्टर में कलाकार के तौर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम लिखा गया था।

पोस्टर में जो पता दिया गया था उसमें वेटिंग रूम, एलजी हाउस और ब्रांच ऑफिस के रूप में बेंगलुरु स्थित जिंदल नेचरकेयर इंस्टीट्यूट का जिक्र था। बता दें कि अरविंद केजरीवाल शुगर बढ़ा होने का इलाज कराने के लिए बेंगलुरु में हैं और वे अगले एक-दो दिनों में दिल्ली लौट रहे हैं। 

पोस्टर लगाने के मुद्दे पर मीडिया से बातचीत में भाजपा-अकाली विधायक सिरसा ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल बीमारी का बहाना बनाकर सचिवालय स्थित अपने दफ्तर नहीं आए। लेकिन उसी दिन शाम में वह ईद मिलन कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंच गए। यह सरासर केजरीवाल की नौटंकी है।

गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की धरने की सियासत इस बार काम नहीं आई। यही वजह रही कि केजरीवाल को बिना कुछ हासिल हुए 9वें दिन राजनिवास के प्रतीक्षालय से धरना खत्म कर बैरंग लौटना पड़ा था।

यहां पर बेंगलुरु के नेचरोपैथी सेंटर में 10 दिनों तक इलाज के लिए गए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक-दो दिनों में वापस दिल्ली आने वाले हैं। वहीं, बीमारी से ठीक होकर लौटने वाले आम आदमी पार्टी (AAP) मुखिया अरविंद केजरीवाल के लिए दिल्ली का राजनीतिक स्वास्थ्य अगले कुछ दिनों तक उनके लिए लाभदायक नहीं रहने वाला है। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पिटाई मामला, मानसून के बीच नालों की अधूरी सफाई व संसदीय सचिव मामले में चुनाव आयोग में सुनवाई के अलावा विपक्ष भी केजरीवाल को निशाने पर लेने के लिए तैयार है।

अंशु प्रकाश पिटाई मामले में मुश्किल में घिरे केजरीवाल
इसी साल 19 फरवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की पिटाई का मामला चरम पर है। इस मामले में दिल्ली पुलिस सबूत जुटाने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दायर करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि मुख्य सचिव की पिटाई के मामले में न केवल आम आदमी पार्टी के दर्जनभर विधायक आरोपी होंगे, बल्कि इस केस में अरविंद केजरीवाल के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी आरोपी बनाने की तैयारी है। इसमें अगर दोष साबित हुए तो एक से तीन साल तक सजा भी हो सकती है।

विपक्ष ने बनाई हमले की रणनीति
उपराज्यपाल आवास पर नौ दिन के धरने पर बैठने और धरना खत्म कर अरविंद केजीरवाल के बेंगलुरु अपने शुगर के इलाज के लिए रवाना होने से विपक्ष खासा खफा है। विपक्ष खासकर भारतीय जनता पार्टी ने मुख्य मुद्दा बनाते हुए केजरीवाल को घेरा भी था। भाजपा ने कहा था कि जब पूरी दिल्ली पानी किल्लत से जूझ रही है, ऐसे में केजरीवाल बेंगलुरु इलाज के लिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, भाजपा ने यह भी आरोप लगाया था कि पिछले तीन साल से सत्ता में बैठी AAP सरकार अपने अस्पतालों को इस लायक भी नहीं बना पाई कि उनमें शुगर का इलाज संभव हो सके। सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरु से लौटते ही अरविंद केजरीवाल को घेरने की रणनीति भाजपा ने बना ली है।


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