फोर्टिस अस्पताल को मिली बड़ी सफलता, पालीमर आधारित माइट्रल हार्ट वाल्व का 54 वर्षीय मरीज में सफल प्रत्यारोपण
नई दिल्ली के फोर्टिस एस्कार्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में 54 वर्षीय मरीज के हृदय में पॉलीमर आधारित माइट्रल हार्ट वाल्व का सफल प्रत्यारोपण किया गया। यह देश का पहला ऐसा प्रत्यारोपण है जिसमें विशेष पॉलीमर से बने वाल्व का उपयोग किया गया है। इस तकनीक से युवा रोगियों खासकर महिलाओं को गर्भावस्था से जुड़े जोखिमों से मुक्ति मिलेगी और जीवनशैली में सुधार होगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। फोर्टिस एस्कार्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में 54 वर्षीय मरीज के हृदय में पालीमर आधारित माइट्रल हार्ट वाल्व का प्रत्यारोपण किया गया। बुधवार को इसकी जानकारी साझा करते हुए अस्पताल की ओर से देश में पहला पालीमर-आधारित माइट्रल हृदय वाल्व प्रत्यारोपण का दावा किया गया, जिसे वरिष्ठ हृदय शल्य चिकित्सक डॉ. जेडएस मेहरवाल की टीम ने कुशलतापूर्वक किया।
अस्पताल के मुताबिक नया टीआरआइए माइट्रल वाल्व विशेष रूप से इंजीनियर्ड पालीमर सामग्री से बना दुनिया का पहला हृदय वाल्व है। इसे संयुक्त राज्य अमेरिका में विकसित किया गया है और भारत में इसका निर्माण किया जा रहा है।
डॉ. मेहरवाल ने बताया कि इस प्रक्रिया की लागत लगभग 3.5 से 4 लाख रुपये है। अब तक वाल्व प्रतिस्थापन की आवश्यकता वाले रोगियों के पास केवल दो विकल्प थे, ऊतक वाल्व, जो युवा लोगों में जल्दी खराब हो जाते हैं और अक्सर बार-बार सर्जरी की आवश्यकता होती है। दूसरा यांत्रिक वाल्व, जो लंबे समय तक चलते हैं लेकिन थक्के बनने से रोकने के लिए आजीवन रक्त-पतला करने वाली दवाओं की आवश्यकता होती है।
नए पालीमर वाल्व को वाल्व की तीसरी श्रेणी का माना जाता है, जिसे दैनिक दवाओं की आवश्यकता को समाप्त करते हुए लंबे समय तक चलने के लिए डिजाइन किया गया है। इस नई तकनीक से युवा रोगियों और विशेष रूप से महिलाओं को लाभ होने की उम्मीद है, क्योंकि यह गर्भावस्था से जुड़े जोखिमों और पारंपरिक विकल्पों के कारण होने वाली जीवनशैली संबंधी बाधाओं को कम करती है।
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