Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Yamuna Pollution: यमुना में कम नहीं हुआ प्रदूषण, बीओडी चार साल पहले के स्तर पर

    By sanjeev GuptaEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Thu, 05 Jan 2023 09:18 AM (IST)

    Yamuna Pollution चार साल पहले यमुना में प्रदूषण की स्थिति जैसी थी वैसी ही आज भी है। यमुना में बीओडी की मात्रा 43.0 मिलीग्राम प्रति लीटर रहती है। दिल्ल ...और पढ़ें

    Hero Image
    Yamuna Pollution: यमुना में कम नहीं हुआ प्रदूषण, बीओडी चार साल पहले के स्तर पर

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में यमुना की सफाई को लेकर सरकारी और गैर सरकारी दावे लगातार होते रहे हैं, लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की वर्ष 2022 की नई रिपोर्ट ‘पाल्यूटिड रिवर स्ट्रेच्स फार रेस्टोरेशन आफ वाटर क्वालिटी’ इसे सिरे से नकारती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रिपोर्ट के अनुसार सीपीसीबी ने जब 2018-19 में राजधानी में यमुना की अलग- अलग लोकेशनों से पानी के नमूने लिए तब बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी) की सबसे ज्यादा मात्रा 83.0 मिलीग्राम प्रति लीटर थी और 2021- 22 में लिए गए नमूने में भी इसकी मात्रा 83.0 मिलीग्राम प्रति लीटर ही मिली। मतलब चार साल पहले यमुना में प्रदूषण की स्थिति जैसी थी, वैसी ही आज भी है।

    संतोष केवल इतना किया जा सकता है कि इस दौरान जल प्रदूषण पहले से अधिक नहीं हुआ है। दिल्ली में यमुना हरियाणा के हथिनीकुंड से पल्ला (दिल्ली में प्रवेश) करती है। यहां यमुना में बीओडी की मात्रा 43.0 मिलीग्राम प्रति लीटर रहती है। दिल्ली को पार करने के बाद पलवल से हसनपुर के बीच वापस 43.0 मिलीग्राम प्रति लीटर हो जाती है। लेकिन दिल्ली में पल्ला से ओखला बैराज तक बीओडी की मात्रा लगभग दोगुनी पहुंच जाती है।

    यमुना को शाहदरा ड्रेन करती है सर्वाधिक प्रदूषित

    यमुना को प्रदूषित करने में सबसे बड़ी भूमिका शाहदरा ड्रेन की है। इसकी गंदगी गिरने के बाद यमुना नदी में बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी) की जितनी मात्रा ओखला बैराज पर होती है, उतनी मात्रा न इससे पहले कहीं मिलती है और न ही इसके बाद में।

    इस रिपोर्ट से एक जानकारी यह भी मिलती है कि पल्ला में भी दो जगह पानी के नमूने लिए जाते हैं। एक दिल्ली में प्रवेश के दौरान और दूसरा वजीराबाद से पहले। यहां भी बीओडी के स्तर में काफी बदलाव आ जाता है। पहले प्वाइंट पर बीओडी की मात्रा 11.0 मिलीग्राम प्रति लीटर रही और दूसरे प्वाइंट पर 14.0 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गई।

    ये है बीओडी

    जैविक अथवा जैवरासायनिक आक्सीजन मांग (बीओडी) पानी में कार्बनिक पदार्थों के अपघटन के लिए सूक्ष्मजीवों द्वारा उपयोग की जाने वाली घुलनशील आक्सीजन की मात्रा होती है। निम्न बीओडी अच्छी गुणवत्ता वाले पानी का एक संकेतक होता है, जबकि उच्च बीओडी प्रदूषित पानी को दर्शाता है।

    सीपीसीबी सदस्य डा अनिल गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में यमुना सर्वाधिक प्रदूषित इसलिए है, क्योंकि यहां तमाम छोटे-बड़े नालों का पानी गिरता है। जब तक इसे नहीं रोका जाएगा, तब तक स्थिति में सुधार संभव ही नहीं है। नाले अभी भी यमुना में गिर रहे हैं।

    8 स्थानों पर मापी जाती है यमुना में पानी की गुणवत्ता

    दिल्ली में यमुना के पानी की गुणवत्ता आठ स्थानों पर मापी जाती है। लेकिन, तीन जगह ओखला बैराज, ओखला ब्रिज एवं आइटीओ पर बीओडी की मात्रा सबसे ज्यादा मिलती है। इनमें भी शाहदरा ड्रेन मिलने के बाद ओखला में जहां बीओडी का स्तर 83 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच जाता है। इतना स्तर ओखला बैराज पर यमुना में आगरा कैनाल के मिलने पर भी नहीं पहुंचता है।