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    पूर्व PM मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर राजनीति शुरू, सिख वोट की इमारत गढ़ने में जुटे राजनीतिक दल

    पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस आप और अकाली दल के नेताओं नेॉ केंद्र सरकार पर सिखों के अपमान का आरोप लगाया है। दिल्ली में लगभग 4% सिख मतदाता हैं और राजौरी गार्डन तिलक नगर और हरि नगर जैसे क्षेत्रों में उनकी संख्या काफी अधिक है। दलों के सामने सिखों को अपने साथ जोड़ने की चुनौती है।

    By Santosh Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 29 Dec 2024 08:46 AM (IST)
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    पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा में शोकाकुल परिवार के साथ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी।

    संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार व स्मारक को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल केंद्र सरकार पर डॉ. मनमोहन सिंह का अपमान करने का आरोप लगा रहे हैं। इस तरह के आरोप के बहाने राजनीतिक दल सिखों को भावनात्मक रूप से अपने साथ जोड़ने के प्रयास में हैं।

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    कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देते लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी।

    दिल्ली में कितने प्रतिशत हैं सिख वोटर?

    फरवरी के पहले सप्ताह में विधानसभा चुनाव है, इस कारण भाजपा विरोधी राजनीतिक पार्टियां इसे सिख समुदाय का अपमान बताते हुए इसे मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही हैं। इसे लेकर राजनीति और तेज होने की संभावना जताई जा रही है। दिल्ली में लगभग चार प्रतिशत सिख मतदाता हैं। राजौरी गार्डन व तिलक नगर विधानसभा क्षेत्र में इनकी संख्या 35 प्रतिशत और हरि नगर में 17 प्रतिशत से अधिक है।

    पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देती कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी व साथ में अजय माकन।

    दिल्ली की इन सीटों पर है सिख वोटरों का प्रभाव

    नई दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में आने वाले कई विधानसभा क्षेत्रों में भी इनकी अच्छी संख्या है। पहले कांग्रेस व भाजपा-अकाली गठबंधन में सिख मतों का बंटवारा होता था।

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    अब भाजपा व अकाली अलग हो गए हैं। कांग्रेस की पकड़ भी सिख मतों पर कमजोर हुई है। पिछले दोनों विधानसभा व नगर निगम चुनाव में आप को सिखों का अच्छा समर्थन मिला था, लेकिन लोकसभा चुनाव में सिख बहुल क्षेत्रों में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

    पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देती सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा। फोटो- जागरण

    सिखों को अपने साथ जोड़ने में लगी भाजपा

    कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली सहित, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कई सदस्यों को अपने साथ जोड़कर भाजपा सिखों को अपने साथ जोड़ने में लगी हुई है। इससे आप के साथ ही कांग्रेस व अकाली दल परेशान है। तीनों पार्टियों के बीच दिल्ली के साथ ही पंजाब के सिखों को भी अपने साथ जोड़ने की चुनौती है।

    राहुल गांधी ने केंद्र पर लगाया सिखों के अपमान का आरोप

    इस कारण तीनों पार्टियों के नेता डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के अगले दिन से ही बयानबाजी शुरू कर दी है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कांग्रेस के अन्य बड़े नेता केंद्र सरकार व भाजपा पर सिखों के अपमान का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए स्थान न ढूंढना भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है।

    बृहस्पतिवार को कांग्रेस को आइएनडीआइए से बाहर निकलवाने की धमकी देने वाले आप नेता भी बयानबाजी में पीछे नहीं हैं। सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर मनमोहन सिंह भारत रत्न देने की मांग की।

    निगम बोध घाट पर उनके अंतिम संस्कार के निर्णय को अरविंद केजरीवाल सहित अन्य आप नेता सिख समुदाय का अपमान बता रहे हैं। अकाली नेता भी इसे सिखों का अपमान बता रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के उपप्रधान और मुख्य प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा है कि प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले पहले और एकमात्र सिख के रूप में मनमोहन सिंह की विरासत का बहुत महत्व है।