Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बैरीकेड लगाने में कानून का पालन नहीं करते पुलिसकर्मी, जानें क्या हैं नियम

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Sat, 10 Feb 2018 08:35 AM (IST)

    पुलिस नियम-कानूनों का पालन नहीं करती है, जिससे बैरीकेड से टकराने व अन्य वजहों से लोगों की जान चली जाती है।

    बैरीकेड लगाने में कानून का पालन नहीं करते पुलिसकर्मी, जानें क्या हैं नियम

    नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली पुलिस एक्ट 1978 के तहत दिल्ली पुलिस को सड़कों पर बैरीकेड लगाकर जांच करने का अधिकार तो है, लेकिन बैरीकेडिंग को लेकर कुछ नियम-कानून भी निर्धारित किए गए हैं। पुलिस इन नियम-कानूनों का पालन नहीं करती है, जिससे बैरीकेड से टकराने व अन्य वजहों से लोगों की जान चली जाती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बैरीकेड के बीच तार बांधने का कोई प्रावधान नहीं

    सड़कों पर बैरीकेड छोड़ देने की वजह से बढ़ रहे हादसों को देखते हुए वर्ष 2008 में तत्कालीन पुलिस आयुक्त वाईएस डडवाल ने सर्कुलर ऑर्डर जारी कर कहा था कि पुलिसकर्मी सड़कों पर बैरीकेड तभी रखें जब वे वहां मौजूद रहकर वाहनों की जांच कर रहे हों। जांच न करने पर वे बैरीकेड को सड़कों से हटाकर फुटपाथ या अन्य सुरक्षित जगहों पर रख दें। अगर कहीं बैरीकेड के कारण हादसे होंगे तो उसके लिए इलाके के थानाध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इससे अगर किसी इलाके में यातायात में बाधा पहुंचती है तो भी थानाध्यक्ष को जिम्मेदार माना जाएगा। जाम लगने की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष सड़कों पर पड़े बैरीकेड हटवा दें। दो बैरीकेड के बीच तार बांधने का कोई प्रावधान नहीं है।

    धरना-प्रदर्शन के दौरान बैरीकेड में मोटी रस्सी बांधने का प्रावधान है

    दिशा-निर्देश में कहा गया था कि दिन में पुलिसकर्मी सड़कों पर तभी बैरीकेड लगाएं जब वे वाहनों की जांच कर रहे हों। पुलिसकर्मियों की गैरमौजूदगी में सड़कों पर बैरीकेड नहीं होने चाहिए। रात में वाहनों की जांच करने के दौरान सभी बैरीकेड में ब्लिंकर लगाए जाएं। पुलिसकर्मी फ्लोरोसेट जैकेट (रात के समय गाड़ियों की लाइट पर चमकने वाला) पहनकर जांच करेंगे, ताकि वाहन चालकों की दूर से ही पुलिसकर्मियों व बैरीकेड पर नजर पड़ जाए। उक्त महत्वपूर्ण दोनों निर्देशों का पुलिस गंभीरता से पालन नहीं करती है। रात में बैरीकेड पर ब्लिंकर जरूर होना चाहिए। पुलिसकर्मी कहीं ब्लिंकर लगाकर वाहनों की जांच करते हैं तो कहीं इनका इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

    दर्ज होगी एफआइआर

    पुलिस सड़कों पर जहां-तहां बैरीकेड लगाकर छोड़ देती है। थानों में तैनात पुलिसकर्मियों का कहना है कि रात में यातायात पुलिसकर्मी जांच करने के बाद सड़क पर बैरीकेड छोड़ देते है। डडवाल ने सर्कुलर में साफ कहा था कि अगर किसी के इलाके में बिना पुलिसकर्मियों की मुस्तैदी के सड़क पर बैरीकेड मिलेगा तो बीट के पुलिसकर्मी के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज होगी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।

    सड़कों से हटाए गए बैरीकेड

    डडवाल के सेवानिवृत होने के बाद किसी भी पुलिस आयुक्त ने बैरीकेड के मसले को गंभीरता से नहीं लिया। शकूरपुर इलाके में बैरीकेड की वजह से हादसे की सूचना मिलते ही पूरी दिल्ली में पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन में अपने-अपने इलाकों से सड़कों पर पड़े बैरीकेड हटा लिए। नेताजी सुभाष प्लेस एरिया में पुलिस बैरिकेड से बंधी तार में उलझकर एक बाइकसवार युवक की दर्दनाक मौत हो गई थी। तार बैरिकेड के साथ बंधी थी जिसे युवक अंधेरे में देख नहीं सका। तार की वजह से पहले गर्दन में कट लगा, फिर बाइक सवार बुरी तरह पलटियां खाता हुआ गिर गया। सिर में गहरी चोटें लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी।

    चली गई बेकसूर की जान 

    अभिषेक शकूरपुर की जेजे कॉलोनी में परिवार के साथ रहते था। परिवार में माता-पिता के अलावा एक 19 साल की छोटी बहन और एक छोटा भाई है। बहन बीए फाइनल इयर में है। छोटा भाई 10वीं में पढ़ता है। अभिषेक परिवार का इकलौता सहारा था। दिन में ओला टैक्सी चलाता था और रात में पार्ट टाइम डीजे का काम करता था। अभिषेक की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। अभिषेक के पिता ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि उनका बेटा भाई-बहन की पढ़ाई और घर खर्च के लिए दिन-रात मेहनत करता था। किसी की लापरवाही ने उस बेकसूर की जान ले ली।  

    यह भी पढ़ें: दहेज ने परिवार को किया बरबाद, दुल्हन करती रही इंतजार, नहीं आई बरात

    यह भी पढ़ें: ISI के हनीट्रैप में फंसा एयरफोर्स अफसर, पाकिस्तानी 'लड़की' को सौंप दिए सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स

    comedy show banner
    comedy show banner