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फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले पांच गिरफ्तार, हजारों लोगों को लगा चुके हैं चूना

फर्जी कॉल सेंटर से हजारों लोगों का गोपनीय डाटा बरामद हुआ है। ज्यादातर डाटा बीमा धारकों से संबंधित है। पुलिस को आशंका है कि इसमें किसी बीमा कंपनी का कर्मचारी भी मिला हो सकता है।

By Amit SinghEdited By: Published: Sun, 30 Sep 2018 01:17 PM (IST)Updated: Sun, 30 Sep 2018 01:17 PM (IST)
फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले पांच गिरफ्तार, हजारों लोगों को लगा चुके हैं चूना
फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले पांच गिरफ्तार, हजारों लोगों को लगा चुके हैं चूना

नई दिल्ली (जेएनएन)। फर्जी क़ॉल सेंटर चलाकर हजारों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक गिरोह का दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस को लाखों रुपये का सामान और हजारों लोगों का ब्यौरा मिला है, जिससे ये गिरोह ठगी कर चुका है या करने वाला था। पुलिस ने गिरफ्तार दो मुख्य आरोपियों को आगे की जांच और पूछताछ के लिए रिमांड पर ले लिया है। शेष आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

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नोएडा व गाजियाबाद में बनाया था ठिकाना

ये गिरोह फर्जी कॉल सेंटर के जरिए ठगी करता है। इसके लिए गिरोह ने दिल्ली से सटे नोएडा व गाजियाबाद में फर्जी कॉल सेंटर बना रखे हैं। इन कॉल सेंटर में काफी संख्या में कर्मचारी भी टेलिकॉलर का काम करते थे। नोएडा और गाजियाबाद में इससे पहले भी दर्जनों फर्जी कॉल सेंटर पकड़े जा चुके हैं। नोएडा फर्जी कॉल सेंटर का गढ़ बनता जा रहा है। इसकी वजह पुलिस की नाकामी और फर्जी कॉल सेंटरों को रोकने के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था न होना है।

बीमा पॉलिसी के नाम पर करते थे ठगी

आरोपी इन टेलिकॉलर के जरिए लोगों को फोन कराते थे। फोन कर लोगों को भारी छूट और मोटे रिटर्न का लालच देकर आकर्षक बीमा पॉलिसी लेने को कहा जाता था। इसके अलावा जिन लोगों की बीमा पॉलिसी किन्हीं वजहों से बंद हो चुकी है आरोपी उन्हें चालू कराने या उसके रुपये दिलवाने का झांसा देकर भी ठगी करते थे। आरोपी अपने शिकार से पहले कुछ रकम अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराते हैं। एक बार जाल में फंसने के बाद पीड़ित आरोपियों को अलग-अलग बहाने सुनकर रुपये देता जाता है। उसे जब तक ठगी का पता चलता है, आरोपी मोटी रकम ठग चुके होते हैं।

हजारों लोगों का गोपनीय डाटा बरामद

पुलिस को आरोपियों के फर्जी कॉल सेंटर से हजारों लोगों का गोपनीय डाटा बरामद हुआ है। ज्यादातर डाटा बीमा धारकों से संबंधित है। यही वजह है कि आरोपी बीमा पॉलिसी के नाम पर ठगी करते थे। पुलिस के अनुसार आरोपियों से पूछताछ कर ये पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि उन्हें उपभोक्ताओं का गोपनीय डाटा कहां से मिला। पुलिस को आशंका है कि इसमें किसी बीमा कंपनी का कर्मचारी भी मिला हो सकता है।

साइबर एनालिसिस कर रही पुलिस

आरोपी अब तक कितने लोगों को ठग चुके हैं और कितने लोगों से उनकी बातचीत चल रही थी। ठगे गए लोगों से आरोपी अब तक कितनी रकम वसूल चुके हैं, इसकी जानकारी जुटाने के लिए पुलिस फर्जी कॉल सेंटर के कंप्यूटर व लैपटॉप आदि का साइबर एनालिसिस करा रही है। साइबर विशेषज्ञों की टीम कॉल सेंटर से बरामद सारा डाटा खंगाल कर हर बारीक जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। पुलिस के अनुसार यही जानकारी आरोपियों के लिए कोर्ट में पुख्ता सुबूत भी साबित होंगे।

लाखों का माल बरामद

छापेमारी के दौरान पुलिस को आरोपियों के पास से दो कार, कई एटीएम कार्ड, चेक बुक और कई ग्राहकों के नेट बैकिंग व प्लास्टिक मनी (डेविट व क्रेडिट कार्ड) का गोपनीय डाटा मिला है। इसके अलावा पुलिस ने कॉल सेंटर में रखे सभी कंप्यूटर सिस्टम, लैपटॉप व फोन आदि जब्त कर लिए हैं।


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