'जहां NDA नहीं, वहां ग्राहक और दुकानदार सतर्क रहें', PM मोदी ने जीएसटी को लेकर कांग्रेस पर बोला हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में भाजपा कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कांग्रेस पर जीएसटी को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता को जीएसटी का लाभ नहीं देना चाहती। मोदी ने भाजपा के सेवा भाव और जनसंघ के समय से दिल्ली के साथ पार्टी के संबंधों को याद किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से जनता की सेवा करने और एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार करने का आह्वान किया।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश में सीमेंट पर सेंट्रल गुड्स एंड सेवा टैक्स बढ़ाने का उदाहरण देकर कांग्रेस व उसकी सहयोगी पार्टियों पर तीखा प्रहार किया। कहा, झूठी बयानबाजी करने वालों की सच्चाई यह है कि उनकी सरकार जीएसटी सुधार का लाभ आम व्यक्ति को नहीं देना चाहती है।
जीएसटी की दरों में कमी गई और हिमाचल प्रदेश की सरकार ने सीमेंट के दाम बढ़ा दिए। यानी उसी दिन से वहां की सरकार ने जनता से लूट शुरू कर दी। उन्होंने दिल्ली के लोगों से भाजपा के जुड़ाव का उल्लेख करते हुए कहा कि जनसंघ के समय से विश्वास का रिश्ता बना हुआ है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दिल्ली प्रदेश भाजपा के नवनिर्मित कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। कहा, भाजपा और एनडीए की सरकार ने देश में सुशासन दिया है। हम विकास भी और विरासत भी के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश और देशवासियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। बड़े घोटालों से देश को मुक्ति दिलाकर लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का विश्वास जगाया है। हमारी सरकार की प्राथमिकता काम करने और समान्य जन का बचत बढ़ाने पर है। बयान बहादुर जो बयान देने में एक्सपर्ट है। उनका कच्चा चिट्ठा यह है कि 2014 तक हमारे देश में दो लाख से अधिक आय पर आयकर लगता था। आज 12 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं लगता है।
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले सामान्य आवश्यकता के लिए एक लाख रुपये खर्च करने वाले परिवार को लगभग 25 हजार रुपये कर देना पड़ता था। 2017 में जीएसटी लागू होने पर इसमें कमी आई। अब जीएसटी सुधार से उस परिवार को 25 हजार की जगह मात्र पांच-छह हजार रुपये कर देना पड़ता है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से भाजपा सरकारों के हर अच्छे काम व जीएसटी सुधार का लाभ आम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए सजग रहने का आह्वान किया। कहा, जहां हम विपक्ष में हैं वहां हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
हमें यह सुनिश्चित करना है कि वहां की सरकार जीएसटी की दरों में कमी का लाभ जनता को दे। उन्होंने भारत को आत्म निर्भर बनाने के लिए स्वदेशी अपनाने और कार्यकर्ताओं से प्रत्येक दुकान पर -गर्व से कहो यह स्वदेशी है- का बोर्ड लगवाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, अटल, अडवाणी, नानाजी देशमुख, मुरली मनोहर जोशी जैसे ऐसे अनेक नेताओं के आशीर्वाद से यह पार्टी आगे बढ़ी लेकिन जिस वृक्ष से भाजपा आज इतना बड़ा बटवृक्ष बना है उसका रोपण अक्टूबर 1951 में हुआ था जब डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में जनसंघ की स्थापना हुई थी। उन्होंने भाजपा को मजबूत करने में केदारनाथ साहनी, साहिब सिंह वर्मा, मदन लाल खुराना, अरुण जेटली, सुष्मा स्वराज सहित अन्य नेताओं के योगदान को याद किया। कहा,
दिल्ली और पार्टी का संबंध सिर्फ एक शहर की तरह नहीं है यह संबंध सेवा, संस्कार और सुख दुख के साथी होने का है। जनसंघ के समय से ही दिल्ली के लोगों की हर तरह से सेवा की है। बंटवारे के बाद दिल्ली आए पीड़ितो के लिए जनसंघ के कार्यकर्ताओं ने पुनर्वास की व्यवस्था की।
मेट्रोपोलिटिन काउंसील में लाल कृष्ण अडवाणी और वी के मल्होत्रा जैसे नेता दिल्लीवासियों की आवाज बने और आपातकाल के दौर में जनसंघ के नेताओं ने सत्ता के दमन के खिलाफ संघर्ष किया। 1984 के दंगे में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने सिख भाईयों की हर संभव रक्षा की।
उन्होंने कहा, दिल्ली का भाजपा के साथ भावना का रिश्ता है, भरोसे का साथ है। जनसंघ के जमाने में और उसके बाद भी जब भी बड़े राष्ट्रीय आयोजन हुए, आंदोलन हुए उसके केंद्र में दिल्ली रही। भाजपा कार्यालय किसी देवालय व मंदिर से कम नहीं है। यह सिर्फ भवन नहीं बल्कि पार्टी को जमीन से जनअपेक्षाओं से जोड़ने वाली कड़ी है। भाजपा सत्ता के लिए नहीं बल्कि सेवा के लिए सरकार में है। दिल्ली भाजपा की पहचान यहां की सुविधा से नहीं बल्कि जनसुनवाई और जनसेवा से होनी चाहिए।
उन्होंने दिल्ली सरकार व भाजपा कार्यकर्ताओं से दिल्लीवासियों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करने को कहा। कार्यकर्ताओं से दूसरे राज्य के लोगों के साथ उनका त्योहार मनाने कि सलाह दी। लोगों को लगना चाहिए कि एक भारत श्रेष्ठ भारत सिर्फ एक नारा नहीं है बल्कि भाजपा एक परिवार है। उन्होंने कहा कि, स्वस्थ्य नारी सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत तीन करोड़ से अधिक महिलाओं की निश्शुल्क जांच हो चुकी है।
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