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    पश्चिम बंगाल को अशांत कश्मीर बनाने की साजिश नहीं होने देंगे सफल: अद्वैत चरण दत्त

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Mon, 24 May 2021 12:53 PM (IST)

    देश की सीमा के किनारे बसे इलाकों में जनसंख्या घनत्व बदलने की कोशिश हो रही है। खेला होबे के नारे के जरिये पहले से ही जेहादी शक्तियों को बढ़ावा दिया जा रहा था। इसकी परिणति हमें विधानसभा चुनाव से ही सुनियोजित हिंसा के रूप में देखने को मिल रही है।

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    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख अद्वैत चरण दत्त

    नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख अद्वैत चरण दत्त ने कहा कि पश्चिम बंगाल को अशांत कश्मीर बनाने का सुनियोजित साजिश चल रही है, जिसे समाज की जागरूकता व उसके प्रतिकार की बदौलत सफल नहीं होने दिया जाएगा। सुनियोजित तरीके से 'ग्रेटर बंगाल' की बात हो रही है। रोहिंग्या मुसलमानों के नाम पर कट्टरपंथी घुसपैठियों को बसाने का खेल चल रहा है। देश की सीमा के किनारे बसे इलाकों में जनसंख्या घनत्व बदलने की कोशिश हो रही है। 'खेला होबे' के नारे के माध्यम से पहले से ही जेहादी शक्तियों को बढ़ावा दिया जा रहा था। इसकी परिणति हमें राज्य विधानसभा चुनाव से ही सुनियोजित हिंसा के रूप में देखने को मिल रही है। वह शनिवार को राष्ट्र सेविका समिति के सेव बंगाल फोरम द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।

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    उन्होंने स्वतंत्रता पूर्व ब्रिटिश सरकार द्वारा 1905 में बंगाल का विभाजन व वर्ष 1946 में कोलकाता में हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि अब तीसरी बार बंगाल को अस्थिर करने और बांटने की साजिश चल रही है। पश्चिम बंगाल से ही आने वाले अद्वैत चरण दत्त ने वहां की जिलेवार भयावह तस्वीर का जिक्र करते हुए कहा कि सुदूर जिलों और गांवों की बात अलग, राज्य की राजधानी कोलकाता भी सुनियोजित राजनीतिक हिंसा से अछूती नहीं है। 31 हत्याएं, 350 महिलाओं पर अत्याचार, घर-दुकानें जलाने, हमले, रंगदारी व धमकियां जैसी हजारों घटनाओं को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है।

    अद्वैत चरण दत्त ने कहा कि इसमें अनुसूचित जाति व जनजाति को सर्वाधिक निशाना बनाया गया है। यह हुगली, सुंदरवन, कूच बिहार, बीर भूम व उत्तर 24 परगना समेत राज्य के सात-आठ जिलों में हिंसा के अधिक मामले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डर के चलते तीन हजार से अधिक लोग असम, झारखंड व ओडिसा जैसे राज्यों को पलायन को मजबूर हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब हम सबकी कोशिश सबको घर वापस लाने और उनको न्याय दिलाने पर है। इसके लिए समितियां गठित की गईं हैं।

    अद्वैत चरण दत्त ने बताया कि इसी तरह इस हिंसा व साजिश से देशभर के लोगों को जागरूक करने के लिए संघ संपर्क विभाग द्वारा 12 लोगों की सूची तैयार की गई है। इसी तरह संघ की देशभर में विभिन्न भाषा में छपने वाली 40 जागरण पत्रिका में इसपर विस्तार से प्रकाश डाला रहा है। इंटरनेट मीडिया की भी मदद ली जा रही है। इस वेबिनार में राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यवाहिका सीता अन्नदानम के साथ ही हरियाणा, दिल्ली व हिमाचल क्षेत्र की 500 अधिकारी व समिति सेविकाएं शामिल थीं।