PFI News: जानिए दिल्ली में कब सुर्खियों में आया था PFI, CAA और NRC के विरोध में भूमिका और शाहीन बाग से क्या है नाता?
PFI News पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई एक इस्लामिक संगठन है। ये संगठन अपने को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है। संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के उत्तराधिकारी के रूप में हुई।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। PFI News: इन दिनों एक बार फिर पीएफआइ यानि पापुलर फ्रंट आफ इंडिया सुर्खियों में है। ये पहला मौका नहीं है जब पीएफआइ का नाम देश की शांति को भंग करने वाले संस्थान के तौर पर लिया जा रहा है। इससे पहले भी ये संगठन इसी तरह की गतिविधियों में लिप्त पाया जा चुका है। क्या आप जानते हैं कि पीएफआइ कब सुर्खियों में आया था, उसके बाद इस संगठन ने गुपचुप तरीके से ऐसा कौन सा काम किया जिसके कारण पूरे देश की खुफिया एजेंसियों की इस पर नजर पड़ गई।
दिल्ली में कब सुर्खियों में आया
संगठन साल 2006 में उस समय सुर्ख़ियों में आ गया था जब राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में इनकी तरफ से एक नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। उस कांफ्रेंस में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। उसी कांफ्रेंस के बाद दिल्ली पुलिस के रिकार्ड में इस संस्था का नाम चढ़ा था। इस तरह से देखा जाए तो संगठन बीते 15 सालों से देश विरोधी गतिविधियों में भूमिका निभा रहा है और ऐसे स्थानो में अपनी जड़ें गहरी करने में कामयाब रहा है।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई एक इस्लामिक संगठन है। संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के उत्तराधिकारी के रूप में हुई। ये संगठन अपने को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है। इस संगठन की जड़े केरल के कालीकट में गहरी बताई जाती हैं, इसी वजह से पुलिस टीम ने सबसे पहले केरल में ही छापा मारा था और वहां से काफी संख्या में इसके एक्टिव सदस्य गिरफ्तार किए गए थे।
दिल्ली का शाहीन बाग है मुख्यालय
फिलहाल PFI का मुख्यालय दिल्ली का शाहीन बाग इलाका बताया जा रहा है। मालूम हो कि दिल्ली का शाहीन बाग वो इलाका है जहां पर CAA (सीएए) और NRC (एनआरसी) के विरोध में पूरे देश में 100 दिन तक सबसे लंबा आंदोलन चला था। बताया जाता है कि एक मुस्लिम संगठन होने के कारण इस संगठन की ज्यादातर गतिविधियां मुस्लिमों के इर्द गिर्द ही घूमती हैं।
विवादों से पुराना नाता
पीएफआइ (PFI) को स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेट ऑफ इंडिया यानी सिमी की बी विंग भी कहा जाता है। साल 1977 में बनाए गए सिमी(SIMI) को साल 2006 में प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसी के बाद माना जाता है कि मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों का अधिकार दिलाने के नाम पर इस संगठन का निर्माण किया गया था जो अब फिर से उसी तरह के देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया जा रहा है।
पहले भी उठी थी बैन करने की मांग
जानकार बताते हैं कि पीएफआई (PFI) की कार्यप्रणाली सिमी(SIMI) जैसी ही थी। इसी वजह से साल 2012 में भी इस संगठन को बैन करने की मांग उठ चुकी है। इसके बाद यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी संगठन को बैन करने की मांग की थी। इसके लिए उनकी ओर से बकायदा गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखा गया था मगर उस पर परमीशन नहीं मिली थी। अब एक बार फिर से इस संगठन के खिलाफ ऐसी ही मांग उठने लगी।
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