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CJI Chandrachud: डी वाई चंद्रचूड़ को CJI बनाने के खिलाफ याचिका खारिज, दिल्ली HC ने लगाया 1 लाख का जुर्माना

CJI Chandrachud दिल्ली हाई कोर्ट ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को भारत का मुख्य न्यायाधीश बनाने के खिलाफ याचिका को रद कर दिया है। साथ ही हाई कोर्ट ने एक लाख का जुर्माना लगाते हुए कहा कि याचिका संविधान के खिलाफ है।

By Vineet TripathiEdited By: Aditi ChoudharyPublished: Fri, 11 Nov 2022 11:56 AM (IST)Updated: Fri, 11 Nov 2022 11:56 AM (IST)
CJI Chandrachud: डी वाई चंद्रचूड़ को CJI बनाने के खिलाफ याचिका खारिज, दिल्ली HC ने लगाया 1 लाख का जुर्माना
डी वाई चंद्रचूड़ को CJI बनाने के खिलाफ याचिका खारिज

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट ने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ (Justice D Y Chandrachud) को भारत का मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice Of India) बनाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही याचिका पर एक लाख जुर्माना लगाकर हाई कोर्ट ने कहा कि यह याचिका संविधान के खिलाफ है।

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यूयू ललित के बाद देश को मिला 50वां मुख्य न्यायाधीश

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर को देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदभार ग्रहण किया। बुधवार सुबह राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चंद्रचूड़ को प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलवाई। मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित के सेवानिवृत्त होने के बाद चंद्रचूड़ को अगला सीजेआई नियुक्त किया गया है।

पिता के बाद बेटा बना सीजेआई

डी वाई चंद्रचूड़ भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश  यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (Y V Chandrachud) के बेटे हैं। पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ सीजेआई बने हैं। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार पिता के बाद बेटा भी भारत का मुख्य न्यायाधीश बना है। वाई वी चंद्रचूड़ का सीजेआई के तौर पर अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है।

ट्वीन टॉवर ध्वस्त करने का दिया फैसला

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर डी वाई चंद्रचूड़ ने कई अहम फैसले सुनाए। हाल ही में नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को ध्वस्त करने का आदेश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने ही दिया था। जस्टिस चंद्रचूड ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि ये मामला नोएडा अथॉरिटी और डेवलपर के बीच मिलीभगत का एक उदाहरण है। इस मामले में सीधे-सीधे बिल्डिंग प्लान का उल्लंघन किया गया।  

इसके अलावा न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के पांच न्यायाधीशों की बेंच ने 9 नवंबर, 2019 को एक सर्वसम्मत फैसले में अयोध्या में राम मंदिर को लेकर भी ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस फैसले में  सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ का भूखंड आवंटित करने का निर्देश दिया।

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