यहां खुलेआम शराब पीते हैं लोग, महिलाओं के साथ होती है छेड़खानी
शराब के ठेके होने के कारण लोग यहां खुले में सरेआम शराब पीते रहते हैं और कार्यालय आने वाली महिलाओं पर फब्तियां कसते हैं व छेड़छाड़ करते हैं।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र के सर्कल कार्यालय तक आना महिलाओं के लिए बड़ी चुनौती से कम नहीं है। शास्त्री पार्क बुलंद मस्जिद के सामने बने डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) कॉम्पलेक्स के भू-तल में छह-सात शराब ठेके हैं और पहले तल पर ही सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र का सर्कल कार्यालय है। बहुतायत संख्या में शराब के ठेके होने के कारण लोग यहां खुले में सरेआम शराब पीते रहते हैं और कार्यालय आने वाली महिलाओं पर फब्तियां कसते हैं व छेड़छाड़ करते हैं। ऐसे हालात में सर्कल कार्यालय के अधिकारियों-कर्मियों तक में इतनी दहशत है कि एक बार कार्यालय आने के बाद ड्यूटी के दौरान बाहर कदम नहीं रखते।
शराब की मंडी
सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने वाले लोगों पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान है, लेकिन यहां कानून की धज्जियां उड़ाने वालों पर कोई लगाम नहीं है। यही वजह है कि इस कॉम्पलेक्स को अब आम लोग शराब की मंडी कहने लगे हैं। इस कॉम्पलेक्स में शराब के करीब सात ठेके हैं। राशन का एक दफ्तर और एक दवाई घर है। शराब के इन ठेकों के कारण ही यहां कोई दुकान खोलने को तैयार नहीं है। हैरानी की बात यह है कि ऐसे हालात में भी दिल्ली सरकार मौन है।
उधर, कॉम्पलेक्स की बदहाली को लेकर पूर्वी दिल्ली के सांसद महेश गिरी से भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। वहीं, स्थानीय निगम पार्षद रोमेश गुप्ता ने बताया कि यह कॉम्पलेक्स डीडीए के अधीन है और सफाई का जिम्मा भी डीडीए के पास ही है।
दिन हो चाहे रात, नजारा एक जैसा ही मिलेगा
रात हो चाहे दिन कॉम्लेक्स में एक ही नजारा देखने को मिलता है। ठेके खुलते ही लोगों की लाइन लग जाती है। इसके बाद कॉम्पलेक्स का परिसर हो या फिर मुख्य मार्ग, लोग खुले में शराब पीने से भी नहीं हिचकते हैं। दिनभर शराबियों की महफिल जमी रहती है। इसका खामियाजा कॉम्पलेक्स में आने वाले आम लोगों को भुगतना पड़ता है। कॉम्पलेक्स में शराब पीने के दौरान आए दिन झगड़े भी होते रहते हैं और झपटमारी की वारदात भी बढ़ रही है।
गंदगी ऐसी कि दंग रह जाएंगे आप
कॉम्पलेक्स में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं, लेकिन न तो डीडीए व निगम को इसकी चिंता है और न ही सांसद व अन्य जनप्रतिनिधियों को। लोगों ने बताया कि सफाई कर्मचारी यह सोचकर सफाई नहीं करते हैं कि यहां तो शराब पीने वाले आते हैं, लेकिन उन्हें उनका ख्याल नहीं आता जो खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आते हैं।
ली जाएगी जनता की राय
सीलमपुर के विधायक हाजी इशराक खान का कहना है कि जिस जगह डीडीए कॉम्पलेक्स है, वह क्षेत्र गांधीनगर विधानसभा के अंतर्गत आता है। हां, यह सही है कि यहां सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र के आपूर्ति विभाग का सर्कल कार्यालय भी है। कॉम्पलेक्स में जितने भी शराब के ठेके हैं, उन पर जनता की राय ली जाएगी। उसके बाद बंद करवाने पर विचार किया जाएगा।
प्रावधान है तो उस पर अमल भी होना चाहिए
लॉ विद्यार्थी राजा पंडित का कहना है कि दिल्ली सरकार को आम जनता की जरा भी परवाह नहीं है। एक तरफ तो सरकार सड़कों पर होर्डिंग लगाकर यह कहते नहीं थकती कि सरकार ने खुले में शराब पीने वाले लोगों पर पांच हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया है, वहीं दूसरी तरफ इसे अमलीजामा पहनाने पर ध्यान नहीं दिया जाता है। अगर प्रावधान है तो उस पर अमल भी तो दिखना चाहिए।
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